War of 1962: फुल प्रूफ तैयारी के साथ आए थे चीनी सैनिक, हमारे जवानों के पास थे सीमित संसाधन
सैन्य मोर्चे पर हमारे सैनिक कमजोर थे। वे तैयार नहीं थे, उन्हें सरहद पर भेजा गया। उनके पास दूसरे विश्वयुद्ध के दौर की बंदूकें थीं, चीनियों के पास एके-47 थीं।
War of 1965: आखिर क्यों हुआ युद्ध? जानें कैसे हुआ था जंग का अंत
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War of 1965) लड़ा गया। युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना पर भारी पड़ी। भारत को जीत हासिल हुई और पाकिस्तान एक बार फिर हार कर घुटनों पर बैठने पर मजबूर हुआ।
War of 1965: कच्छ से ताशकंद तक कब, क्या हुआ? जानें पूरा घटनाक्रम
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए भीषण युद्ध (War of 1965) में भारतीय वीर जवानों के शौर्य और पराक्रम के आज भी चर्चे होते हैं। पाकिस्तानी सेना को हमारे जवानों ने भगा-भगाकर मारा था।
India Pakistan War: पाकिस्तान की आंखों के सामने से उनका जहाज उड़ा लाया था भारत का ये वीर सैनिक
India Pakistan War: जवान का नाम जीवा सिंह था जो अपनी बहादुरी के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी लोग सुनाते हुए देखे जा सकते हैं।
कारगिल युद्ध के दौरान राजस्थान के इस जिले के 22 जवानों ने दी थी शहादत, घर-घर में सेना ज्वाइन करने का उत्साह आज भी है कायम
इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जिले में करीब 20 हजार रिटायर्ड जवान मौजूद हैं। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान तो इस जिले का योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
Kargil War: वे जवान जिनकी वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं…
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) को चौथी बार जंग के मैदान में पटखनी दी थी।
Kargil War: पाकिस्तान को 1965 और 1971 की लड़ाई से भी ज्यादा हुआ था नुकसान, भारतीय सैनकिों ने इतने दुश्मनों को किया था ढेर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए भीषण कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान इंडियन आर्मी (Indian Army) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी।
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पाकिस्तान (Pakistan) के साथ हुई 1999 की कारगिल की लड़ाई (Kargil war) में भारतीय सैनिकों को डंका बजा था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी थी।
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भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया था। पाकिस्तान ने 1965 की लड़ाई से पहले ऐसी कई नापाक हरकतें शुरू कर दी थी जिसके चलते युद्ध होना तय हो गया था।
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भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में इंडियन आर्मी (Indian Army) ने पाक सेना को बुरी तरह से हराया था।
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पाकिस्तान भारत को हर मोर्चे पर कमजोर मान रहा था। पाकिस्तान ने सोचा था कि 1962 में चीन के हाथों मिली हार के बाद भारत कमजोर पड़ चुका है। पाकिस्तान की यह भूल उसे सबसे ज्यादा भारी पड़ गई। जंग हुई और पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
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भारतीय सेना (Indian Army) के जवान जब-जब दुश्मनों के खिलाफ जंग के मैदान में उतरते हैं सब कांप उठते हैं। ऐसा ही 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भी हुआ था।
VVIP लोगों की सुरक्षा से लेकर आंतकियों का सफाया करने में CRPF की अहम भूमिका, ये है खासियत
सेंट्रल पुलिस फोर्स (CRPF) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला एक अर्धसैनिक बल है। सीआरपीएफ ने युद्ध से लेकर मेट्रो तक की सुरक्षा में मोर्चा संभाला है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) की रणनीति और सूझबुझ के चलते दुश्मन पस्त हो गए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच कब-कब युद्ध हुआ? सेना ने हर बार किया नेस्तनाबूद
भारत और पाकिस्तान 1947 में बंटवारे के बाद से अबतक चार युद्ध (India Pakistan War) में आमने सामने हो चुके हैं। जंग के मैदान में हमेशा भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को नेस्तनाबूद किया है।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के वीर शहीद भृगुनंदन चौधरी (Constable Bhrigu Nandan Choudhary) बेहद ही बहादुर जवान माने जाते थे।
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साल 1964 से 1969 तक अर्जन सिंह ने वायुसेना प्रमुख का पद संभाला। उनके कार्यकाल में ही पाक के खिलाफ भारत ने ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर 1965 की जंग में जीत हासिल की थी।