File Photo
Indian Army: 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil war) के दौरान तो इस जिले का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। करगिल के दौरान इस जिले ने 22 वीर सपूतों की शहादत का कीर्तिमान रचा है।
भारतीय वीर जब भी दुश्मनों के खिलाफ खड़े होते हैं तो चुनौती से निपटने से पीछे नहीं हटते। हमारे जवान पीठ दिखाकर वापस नहीं लौटते बल्कि शहीद होते हैं या दुश्मन को मार गिराते हैं। देश में एक जिला ऐसा भी है जहां के लगभगर घर-घर में सेना के जवान हैं। यह राजस्थान का झुंझुनूं जिला है।
इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जिले में करीब 20 हजार रिटायर्ड जवान मौजूद हैं। 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil war) के दौरान तो इस जिले का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। कारगिल के दौरान इस जिले ने 22 वीर सपूतों की शहादत का कीर्तिमान रचा है।
Coronavirus: बीते 24 घंटे में देश में आए 1,00,636 नए केस, दिल्ली में 83 दिन बाद आए 400 से कम मामले
मई-जुलाई 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिन्दुस्तान के 527 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे। इनके अलावा 1300 से ज्यादा जख्मी हो गए थे।
राजस्थान के इस जिले के जवानों का बलिदान हमेशा याद रखा जाता रहेगा। इस जिले की अहमियत का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि यहां सैनिक छावनी नहीं होने के बावजूद सेना (Indian Army) भर्ती का दफ्तर बनाया गया है। झुंझुनूं के जवान सेना के सर्वोच्च पदों पर काम कर चुके हैं।
कहा जाता है कि झुंझुनूं पूरे देश में शहादत और सैनिकों के मामले में देश में पहले पायदान पर है। झुंझुनूं रेगिस्तानी इलाका है जो कि दिल्ली से 250 किलोमीटर और जयपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App