War of 1962: फुल प्रूफ तैयारी के साथ आए थे चीनी सैनिक, हमारे जवानों के पास थे सीमित संसाधन

सैन्य मोर्चे पर हमारे सैनिक कमजोर थे। वे तैयार नहीं थे, उन्हें सरहद पर भेजा गया। उनके पास दूसरे विश्वयुद्ध के दौर की बंदूकें थीं, चीनियों के पास एके-47 थीं।

War of 1962

Indo-China War 1962 (File Photo)

War of 1962: सैन्य मोर्चे पर हमारे सैनिक कमजोर थे। वे तैयार नहीं थे, फिर भी उन्हें सरहद पर भेजा गया था। उनके पास दूसरे विश्वयुद्ध के दौर की बंदूकें थीं, जबकि चीनियों के पास एके-47 थीं।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध (War of 1962) लड़ा गया था। चीन की विस्तारवाद की नीति को नेस्तनाबूद करने के लिए हमारे जवान चीनी सैनिकों पर काल बनकर टूट पड़े थे। युद्ध में चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ आई थी जबकि भारतीय सैनिक सीमित संसाधनों के साथ ही लड़े। नतीजन युद्ध में हमें हार का सामना करना पड़ा।

भारत के कई सैनिक शहीद हुए थे। युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) बिना तैयारी, हथियारों के लड़ रही थी। यहां तक सेना के पास माइनस डिग्री वाले तापमान के लिए कपड़े और जूते तक नहीं थे। हिमालयी बॉर्डर पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद सालों से चला आ रहा है। इतिहास गवाह है कि देश के जवानों के पास तब जूते, गर्म कपड़े और आधुनिक हथियार भी नहीं थे।

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कहा जाता है कि सैन्य मोर्चे पर हमारे सैनिक कमजोर थे। वे तैयार नहीं थे, फिर भी उन्हें सरहद पर भेजा गया था। उनके पास दूसरे विश्वयुद्ध के दौर की बंदूकें थीं, जबकि चीनियों के पास एके-47 थीं। भारतीय सैनिकों के पास जूतों, गर्म कपड़ों और आधुनिक उपकरणों की कमी थी।

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1962 में सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि भारत और चीन को युद्ध तक लड़ना पड़ा। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई बार हिंसक रूप ले चुका है। चीन, भारत के कई इलाकों पर अपना दावा करता है। कई बार तो वह अपने नक्शे में भारत के इलाकों को अपना बता देता है।

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