भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने बुरी तरह से मात दी थी। भारतीय सेना (Indian Army) ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे देखने के बाद दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ उपजाऊ इलाके जीत लिए थे। भारत बेहद फायदे में था और पाकिस्तान नुकसान में।

यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़ी गई जंग (War of 1965) बेहद ही खौफनाक थी। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।

हमारे जवानों ने बेहद ही बहादुरी के साथ लैंड माइन्स को पूरा का पूरा साफ करवाकर ही दम लिया था। दरअसल इन माइन्स को हटाना इसलिए जरूरी था।

Indian Army: दुनिया के सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तापमान माइनस 40 से 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। आम इंसान का यहां जीना मुश्किल होता है।

युद्ध में पाक लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी के पास सिर्फ ढाका में ही 26400 सैनिक थे, जबकि जैकब सिर्फ 3000 सैनिक लेकर भारी पड़े थे।

CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट अंजनी कुमार (Anjani Kumar) की जांबाजी के लिए विख्यात हैं। वे बेहद ही चालाकी से दुश्मनों पर कहर बनकर टूटते रहे हैं। अंजनी का नाम सीआरपीएफ के ऐसे जवानों में लिया जाता है जो कि दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते हैं।

पाकिस्तान के घुटने टेकने के बाद कर्नल अशोक तारा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि उन्हें बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की पत्नी और उनके परिवार को बचाना है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के बीच लड़ा गया युद्ध (War of 1971) इंडियन आर्मी (Indian Army) की शौर्यगाथा को बयां करता है। इस युद्ध में हमारी सेना ने पाकिस्तान को तहस-नहस कर दिया था।

युद्ध में जीत के लिए सैन्य बल के अलावा अन्य कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं इस युद्ध में भी सभी काम आए। बाकी का काम Indian Army ने कर दिया था।

आजादी के बाद पाकिस्तान हमसे अलग  होने के बाद किसी भी हाल में कश्मीर को अपना बनाना चाहता था। पाकिस्तान के ख्वाहिश आज भी ज्यों की त्यों है।

झगड़े की शुरुआत तब हुई जब भारतीय सुरक्षा बलों को पता चला कि पाकिस्तान ने डींग और सुराई को जोड़ने के लिए 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 में कश्मीर को लेकर हुए युद्ध में भारतीय सेना का जलवा देखने को मिला था। भारतीत सेना ने युद्ध के मैदान में ऐसा हल्ला बोला था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

खचाखच भरे रेसको  र्स स्टेडियम में ढाका की जनता इस ऐतिहासिक दृश्य को अपनी आंखों से देख रही थी। भारतीय सेना ने मुक्तिवाहिनी के साथ मिलकर पाकिस्तान को हराया था।

Kargil War: गोली लगने के बाद भी मनोज के सिर पर दुश्मनों के खात्मे की धून सवार थी। गोलियों ने उनका पूरा सिर ही उड़ा दिया और वो जमीन पर गिर गए।

भारतीय सैनिकों के पास ठंड से बचने के लिए न ही कपड़े थे और न ही जूते। नतीजन भारत को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इस युद्ध में हमारे 1300 सैनिक शहीद हुए थे।

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