War of 1965: UN के दखल के बाद हुई थी 1965 के युद्ध समाप्ति की घोषणा, भारतीय सीमा में घुस गए थे 26 हजार पाक सैनिक

झगड़े की शुरुआत तब हुई जब भारतीय सुरक्षा बलों को पता चला कि पाकिस्तान ने डींग और सुराई को जोड़ने के लिए 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी।

War of 1965

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War of 1965: झगड़े की शुरुआत तब हुई जब भारतीय सुरक्षा बलों को पता चला कि पाकिस्तान ने डींग और सुराई को जोड़ने के लिए 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध (War of 1965) लड़ा गया। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय आर्मी (Indian Army) ने मुंहतोड़ जवाब देकर बुरी तरह हराया था। युद्ध में सेना के हर एक जवान ने अपना अहम योगदान दिया था। पाकिस्तान से पहले इंडियन आर्मी ने तीन साल पहले यानी 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध लड़ा था। चीन के खिलाफ युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।

चीन से मिली हार के बाद पाकिस्तान को लग रहा था कि भारत कमजोर है और उसे युद्ध में हराया जा सकता है। लिहाजा उसने उकसावे वाली कार्रवाई शुरू कर दी थी। अप्रैल, 1965 में गुजरात के कच्छ के रण के पास सीमा गश्ती दलों के बीच विवाद पैदा हो गया था।

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वहीं, माना जाता है कि झगड़े की शुरुआत तब हुई जब भारतीय सुरक्षा बलों को पता चला कि पाकिस्तान ने डींग और सुराई को जोड़ने के लिए 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी।

इसके बाद अगस्त में 26 हजार पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सीमा में घुस गए थे। दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया और भारतीय सेना लाहौर स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंच गई थी। कई दिनों तक चले युद्ध (War of 1965) के बाद 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की दखल के बाद युद्ध समाप्ति की घोषणा कर दी गई।

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) एक मशहूर यह अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह जाति, धर्म और देश से ऊपर उठकर पूरे संसार के कल्याण के लिए काम करती है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विश्व में युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, सदस्य देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखना है।

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