Kargil War: सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा की शौर्यगाथा, प्वाइंट 4875 की सबसे कठिन तीन पोस्टों को जीतने में हुए थे कामयाब

यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा।

Kargil War

File Photo

यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा (Subedar Major Kaushal Kumar Sharma)।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल का युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना (Indian Army) की शौर्य गाथा है। इस युद्ध में भारत के वीर सपूतों ने दुश्मनों को बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तानी सैनिकों को हमारे जवानों ने भगा-भगाकर मारा था। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा करके बैठे पाकिस्तान से हर एक पोस्ट वापस ले ली गई थी, जिसपर उसकी सेना तैनात थी।

यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा (Subedar Major Kaushal Kumar Sharma)। वे उधमपुर जिले के रामनगर तहसील के अमरोह गांव के निवासी हैं।

War of 1965: भारत मिटा सकता था पाकिस्तान का नामो-निशान, पर संघर्ष-विराम का प्रस्ताव किया मंजूर

वे युद्ध के दिनों को याद करते हुए बताते हैं,  “युद्ध के दौरान मैं लांस नायक के पद पर 13 जम्मू-कश्मीर रायफल्स में तैनात था और हमारे सीओ, लेफ्टिनेंट कर्नल वाईके जोशी के साथ फोगाट मिसाइल लांच दल में बेस कैंप में थे।”

उन्होंने बताया, “दुश्मनों से प्वाइंट 4875 की सबसे कठिन तीन पोस्टों को जीतना हमारी बड़ी उपलब्धि थी। इसके लिए हमने बेहद ही रणनीतिक तौर पर काम किया।  कैप्टन विक्रम बत्रा के नेतृत्व में हम एक दल के रूप में आगे बढ़ते चले गए। दुश्मन ऊंचाई पर था लेकिन हमारे हौसले बुलंद थे।”

ये भी देखें-

कौशल कुमार शर्मा आगे बताते हैं, “इस दौरान हमने 6 से 8 जुलाई के बीच बिना आराम किए दिन रात जूझने के बाद हमें प्वाइंट 4875 की बची सबसे कठिन तीन पोस्टों को जीतने का गौरव प्राप्त हुआ था।” शर्मा को इस प्रदर्शन के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें