Naxalites

गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि तुलसी संरक्षित जंगल में करीब 30 से 40 नक्सली मौजूद थे, जिसमें करीब 5 नक्सल कैडर थे। ये नक्सली पिछले दो दिन से यहीं शिविर डालकर रह रहे थे।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites)  के ​खिलाफ पुलिस टीम को नुकसान के लिए बारूदी सुरंग में विस्फोट करने, ग्रामीणों की हत्या करने व अन्य नक्सली घटनाओं में संलिप्त होने का आरोप है।

नक्सलियों (Naxalites) ने बयान जारी कर कहा है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की 26 सितंबर को हुई बैठक के बारे में जानते हैं।

पुलिस अधिकारी के ने आगे बताया कि इस दुर्घटना में घायल आठ पुलिसकर्मियों (Policemen) को मामूली चोट आई है और वहीं गंभीर रूप से घायल चार पुलिसकर्मियों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है।

दो महिला नक्सलियों (Naxalites) सहित कुल 11 नक्सलियों (Naxalites) ने सरेंडर किया है। इन सभी ने माओवादियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, शोषण, अत्याचार और अमानवीय कार्यों से तंग आकर ये फैसला लिया है।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites) को प्रशासन की पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएगी।

फरार कैदी कृष्ण मोहन झा शंख जोन का पूर्व नक्सली जोनल कमांडर (Naxali Zonal Commander) रह चुका है। वह अभय जी उर्फ विकास जी के नाम से भी जाना जाता है।

पुलिस को पूछताछ में गिरफ्तार नक्सली (Naxali) से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जिससे जिले के नक्सली गतिविधियों के रोकथाम और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने में सहायता मिलेगी।

Jharkhand: नक्सलवाद देश की एक बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए हर नक्सल प्रभावित राज्य में अभियान चलाया जा रहा है।

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। इस बीच सोमवार को सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं। बीते 5 साल में 2.13 करोड़ रुपए के 33 इनामी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा पुलिस के सामने सरेंडर किया है।

बिहार में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में एसएसबी के जवानों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

बिहार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है, जिसका असर ये हुआ है कि नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गए हैं ।

संगठन को मजबूती देने के लिए अब नक्सली, ग्रामीण युवाओं पर डोरे डाल रहे हैं। इस पूरी प्रकिया को कुख्यात नक्सली टिकेश ध्रुव अंजाम दे रहा है।

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच खबर मिली है कि नक्सलियों का भी अपने संगठनों से लगातार मोहभंग हो रहा है और वह संगठन छोड़कर भाग रहे हैं।

एक समय में जब कोरोना की वैक्सीन (corona vaccine) लगाने के लिए कर्मचारी यहां पहुंचे थे तो ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया था।

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