बिहार: पश्चिमी चंपारण के पास बसे 22 गांवों में सक्रिय हैं नक्सली, गश्त के दौरान आती हैं बड़ी चुनौतियां

बिहार में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में एसएसबी के जवानों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

Naxalites

जवानों को जंगल, नदियों और दुर्गम रास्तों से रोज ही आमना-सामना करना पड़ता है। इस इलाके में काफी नक्सली (Naxalites) भी सक्रिय हैं।

पश्चिम चंपारण: बिहार में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। ऐसे में एसएसबी के जवानों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

एसएसबी के जवान बगहा में वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के गोबर्द्धना वन क्षेत्र के बीओपी में जान जोखिम में डालकर सरहद की सुरक्षा कर रहे हैं। वो हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

इस क्षेत्र में एसएसबी की 21, 44 और 65 वीं वाहिनी नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात है। बता दें कि टाइगर रिजर्व में 32 किलोमीटर जंगल की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है, जिसकी वजह से जवानों को ज्यादा चौंकन्ना रहना पड़ता है।

बिहार: पश्चिमी चंपारण के पास बसे 22 गांवों में सक्रिय हैं नक्सली, गश्त के दौरान आती हैं बड़ी चुनौतियां

यहां तैनात जवानों को जंगल, नदियों और दुर्गम रास्तों से रोज ही आमना-सामना करना पड़ता है। इस इलाके में काफी नक्सली (Naxalites) भी सक्रिय हैं। बीते साल जुलाई में हरनाटांड़ वन क्षेत्र में हुई नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में आधा दर्जन नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी, लेकिन अभी भी यहां नक्सली मूवमेंट होता है।

बता दें कि वीटीआर के बीचों बीच बसे दोन के 22 गांवों में नक्सली सक्रिय हैं। बरसात के मौसम में यहां पानी भर जाता है और जवानों को गश्त के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। फिर भी जवान तमाम चुनौतियों को पार करके ड्यूटी करते हैं।

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