Kargil War

ब्रिगेडियर एमएस बाजवा के मुताबिक, टाइगर हिल पर चौकियों को कब्जाने गई 8 सिख और 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों को शेर खां ने कड़ी चुनौती दी  थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे यादकर दुश्मन देश के जवान आज भी कांप उठते हैं।

शरीफ (Nawaz Sharif) ने बाजवा पर निशाना साधता हुए कहा कि उन्हें इसका भी जवाब देना है कि उन्होंने क्यों एक जज के घर पर जाकर उन पर कानून और आईन (संविधान) के खिलाफ फैसला करने का दबाव डाला।

कारगिल की लड़ाई दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था। युद्ध करीब 40 दिन चला। जैसा की हर युद्ध में देखने को मिलता है दोनों देशों को नुकसान झेलना पड़ा था।

स्वीडन की बनी यही तोप सेना के बेहद काम आई थी। बोफोर्स तोपों ने तोलोलिंग की चोटी के साथ ही द्रास सेक्टर की हर चोटी में छिपे दुश्मन पर निशाना लगाया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। यह युद्ध बेहद ही भीषण था और इसमें भारतीय सेना की जीत हुई थी। पाकिस्तानी सेना को इस युद्ध में भारी नुकसान पहुंचा था।

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बिशनपुरा गांव के 'वीर चक्र' विजेता शहीद शीशराम गिल की बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। भारतीय सेना (Indian Army) के लिए इस युद्ध में कई चुनौतियां थीं, जबकि पाकिस्तान ऊंचाई पर होने के कारण काफी फायदे में था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में राजस्थान के सीकर के रहने वाले रिटायर्ड फौजी दिगेंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पांच गोली खाने के बावजूद दुश्मनों का डटकर सामना किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में देश के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर भारत मां की रक्षा की थी। हमारे देश के जवान भारतीय सरहद की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में वायुसेना (Indian Air Force) दुश्मनों पर कहर बनकर टूटी थी। हमारी वायुसेना और उनके घातक लड़ाकू जहाजों ने पाकिस्तानी सैनिकों को दिन में तारे दिखा दिए थे।

भारतीय सेना (Indian Army)  के जवान भारत मां की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। ऐसा एक नहीं बल्कि कई मौकों पर देखने को मिल चुका है। सेना के जवान हर हाल में अपने देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।

Kargil War: 8 नवंबर, 1960 को एक किसान परिवार में जन्में लक्ष्मण सिंह अपने गांव में मकान बनवा रहे थे तभी पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध छिड़ गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में भीषण कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को  बुरी तरह से हराया था। पाक ने एलओसी (LoC) पर धोखे से कारिगल के महत्वूपर्ण इलाकों पर कब्जा कर लिया था।

कैप्टन विजयंत थापर को कारगिल के 'हीरो' में शामिल किया जाता है। तोलोलिंग पोस्ट जीत जाने के बाद उन्होंने अपनी मां तृप्ति थापर को फोन किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indina Army) ने जबरदस्त पराक्रम दिखाया था। सेना के जवान दुश्मनों पर कहर बनकर बरसे थे और उनकी कमर तोड़ दी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 का कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की अहमियत को बताता है। वायुसेना ने इस युद्ध में अपने घातक विमानों के जरिए दिखा दिया था कि दुश्मनों को कैसे ढेर किया जाता है।

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