Kargil War: कर्नल ललित राय ने जख्मी होने के बावजूद दिखाया पराक्रम, छुड़ा दिए थे दुश्मनों के छक्के
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) बहादुरी की कई कहानियां सुनाता है। इस युद्ध में हमारे वीर सैनिकों ने जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को हराया था। सेना के बलिदान और साहस की बदौलत भारत 1999 में युद्ध जीत सका था।
Kargil War: …जब सेना को पाकिस्तान के कारगिल पर कब्जा कर लेने की खबर मिली, जानें फिर क्या हुआ
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) को दोनों देशों के बीच अबतक का सबसे भीषण युद्ध कहा जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता होगा।
परमाणु संपन्न होने के बाद दोनों देशों के बीच पहला सशस्त्र संघर्ष था कारगिल युद्ध, तीस हजार भारतीय सैनिकों ने दुश्मनों से लिया था लोहा
करगिल युद्ध में भारत के हाथों अपने सैनिकों के हताहत होने पर पाकिस्तान परमाणु हथियारों को तैनात करने और उसके संभावित इस्तेमाल की तैयारी कर रहा था।
Kargil War: …जब कैप्टन के. नचिकेता दुश्मन के इलाके में पहुंचे, प्रताड़ना के बावजूद नहीं दी थी वायुसेना के ठिकानों की जानकारी
लड़ाकू विमान जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों पर नजर रखकर उन्हें निशाना बनाया गया था। युद्ध के दौरान ग्रुप कैप्टन के. नचिकेता (Captain K Nachiketa) ने शौर्य की ऐसी छाप छोड़ी थी जिसे यादकर आज हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
Kargil War: लेह का रास्ता रोके खड़ा था दुश्मन, सैनिकों ने सिखाया था सबक
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) हमारे सैनिकों की बहादुरी को बयां करता है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।
1999 का युद्ध: लद्दाख के वीरों ने बर्फ से लदे पहाड़ पर बैठे दुश्मनों को चटाई थी धूल, जानें पूरी कहानी
कारगिल (Kargil war) दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था। इसमें पाकिस्तान के धोखे का भारत ने ऐसा जवाब दिया जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता है।
सीने में फौलाद और वतन पर मर मिटने का जज्बा, जानें कौन हैं कारगिल के हीरो राजेश यादव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 का कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना के शौर्य की कहानी को बखूबी बयां करता है। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा था।
‘जैसे ही गोली लगी मेरा उत्साह दोगुना हो गया’, जानें पूरी कहानी कारगिल योद्धा की जुबानी
सेना नायक के पद से रिटायर होने वाले भरत सिंह के मुताबिक वह सर्चिंग ड्यूटी में थे तभी फायरिंग हो गई थी। गोली लगने पर मुझे मेडिकल स्टाफ ने संभाला।
मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने छुड़ा दिए थे दुश्मनों के छक्के, ऐसी थी कारगिल के इस वीर सपूत की शौर्यगाथा
उत्तराखंड के नैनीताल में जन्में वीर योद्धा मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी।
मेजर परमेश्वरन जयंती: भारतीय सेना का शूरवीर, गोली लगने के बावजूद दुश्मन की बंदूक छीन उसे किया ढेर, मरणोपरांत मिला ‘परमवीर चक्र’
25 नवंबर 1987 को 'ऑपरेशन पवन' के दौरान जब महार रेजिमेंट की आठवीं बटालियन के मेजर रामास्वामी परमेश्वरन (Major Ramaswamy Parameswaran) श्रीलंका में एक तलाशी अभियान से लौट रहे थे।
टाइगर हिल को 1999 के कारगिल युद्ध में क्यों अहम माना गया? यहां जानें
पाकिस्तान भी टाइगर हिल (Tiger Hill) की अहमियत को जानता था और वह इस पर कब्जा करने की फिराक में था लेकिन भारतीय सेना ने पहले ही इसपर कब्जा कर लिया था।
बर्फीले तूफान के बीच ‘ऑपरेशन मेघदूत’ को सेना ने दिया था अंजाम, 3 दिनों तक हुई थी भीषण सैन्य कार्रवाई
युद्ध के इतिहास में यह एक अद्वितीय अभियान था। बाद में पोस्ट का नाम इस अभियान में विशिष्ट योगदान के लिए एक बहादुर सैनिक के नाम पर 'बाना टॉप' रख दिया गया था।
कारगिल युद्ध से भारत को मिली ये बड़ी सीख, उठाया ये कदम
वो कहते हैं न कि कोई भी घटना सीख और तजुर्बा दोनों ही देती है। ऐसा ही कुछ भारत के साथ हुआ कारगिल युद्ध (Kargil War) में। वैसे तो हम 1999 का कारगिल युद्ध जीत गए थे, पर जीत के साथ ही भारत को उस युद्ध के दौरान कुछ सीख भी मिली थी।
कारगिल विजय दिवस: …जब वीर मोहम्मद असद के पास आकर गिरा बम, हाथ गंवाकर भी पीछे नहीं हटे
युद्ध के दौरान 13 जून 1999 की रात को मोहम्मद असद कभी भुला नहीं पाते। उनके पास में आकर गिरे एक बम से हुए धमाके ने उन्हें जीवन भर के लिए दिव्यांग बना दिया।
‘हमें रोटी नहीं सिर्फ गोली चाहिए’ थी, कारगिल में दुश्मन को ढेर करने वाले जवान ने सुनाया किस्सा
युद्ध के दिनों को याद करते हुए नायक दीपचंद ने अपने अनुभवों और उस दौरान किन परिस्थितियों में जीत हासिल हुई थी इसका जिक्र किया है।
Kargil Vijay Diwas: ब्रिगेडियर कारिअप्पा की वीरगाथा, हथियारों की कमी के बाद भी ऐसे जीती जंग
पूरे 21 साल पहले हुए कारगिल युद्ध को यादकर ब्रिगेडियर कारिअप्पा की आंखे नम हो जातीं हैं।
Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने शहीदों को किया नमन, कहा…
Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई को हर साल करगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुश्किल परिस्थियों में हमारे जांबाजों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भगाया था। आज पूरा देश उन वीर शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी थी।