कारगिल का युद्ध (Kargil War) दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था। 1999 में लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तान के धोखे का भारत ने ऐसा जवाब दिया जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी और बंटवारे के बाद 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान भारत से कश्मीर छीनना चाहता था लेकिन हमारी सेना ने एक-एक पाकिस्तानी सैनिक और घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। पाकिस्तानी भारतीय सरजमीं से उल्टे पैर कर अपने देश लौटे थे।

कारगिल, दुनिया की सबसे ऊंचाई पर लड़ा गया युद्ध था। 1999 में लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तान के धोखे का भारत ने ऐसा जवाब दिया जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता है।

इस युद्ध में भारतीय सेना का अहम योगदान रहा वर्ना उस दौरान कश्मीर में बड़ी गड़बड़ हो सकती थी। इस युद्ध में लद्दाख के वीर जवानों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इन वीरों ने शौर्य और कुर्बानियों से दुश्मनों के हर मंसूबों को विफल कर दिया था।

लद्दाख के वीर जवानों ने युद्ध में बर्फ से लदे पहाड़ पर बैठे दुश्मन से कब्जाई गई पोस्ट को वापस हासिल किया था। चोरबत ला पोस्ट पर तो लद्दाख के वीर जवानों ने बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया था।

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युद्ध के दौरान शोरबत ला और डॉग हिल पर विजय की गाथा की चर्चाएं होती हैं तो इसके पीछे लद्दाख के वीर जवानों बलिदान और शौर्य ही एक वजह है। अबतक लद्दाख स्काउट्स एक अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, दो कीर्ति चक्र समेत करीब 605 वीरता पदक जीत चुकी है।

रिटायर्ड कर्नल सोनम वांगचुक को कारगिल युद्ध के बाद महावीर चक्र से सम्मानित किय गया था। कारगिल युद्ध के बाद ही यानी जून 2000 में सेना लद्दाख स्काउट्स को भारतीय सेना की नियमित इन्फैंटरी रेजीमेंट में तब्दील कर दिया गया था।

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