Kargil War

कई सैनिकों को ढेर किया था तो कई सैनिकों को घायल। इस टास्क में हमारे सभी जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी जिनके पराक्रम की मिसाल आज भी पेश की जाती है।

लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश कुमार जोशी युद्ध के सबसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण प्वाइंट टाइगर हिल को कब्जा करने वाली टीम के कमांडिंग ऑफिसर रहे।

Kargil War 1999: मनोज पांडे जंग के मैदान में अपनी एक अलग ही कहानी लिखकर शहीद हुए। उन्होंने इस युद्ध में हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) को इतनी आसानी से जीत नहीं मिली थी। भारतीय सेना के 527 जवानों ने शहादत दी थी और 1,300 जवान घायल हुए थे।

Lahore Declaration: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। कश्मीर (Kashmir) हड़पने आया पाकिस्तान अपनी बेइज्जती करवाकर उल्टे पैर लौटा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) को शानदार जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान (Pakistan) भारतीय सेना के शौर्य के आगे कहीं भी टिक नहीं सका।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) का डंका बजा था। पाकिस्तानी सैनिकों को हर मोर्चे पर बुरी तरह से विफल किया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को बुरी तरह से हराया था। भारतीय सेना के 527 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे जबकि 1,300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। करीब 60 दिनों तक भारतीय सेना (Indian Army) पाकिस्तानी सेना पर भारी पड़े थे। पाकिस्तान को हराकर ही हमारी सेना ने दम लिया था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली थी। पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर हमारी सेना ने विफल साबित किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को पटखनी दी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को विफल किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

Kargil War 1999: वीरेंद्र सिंह पत्नी गायत्री देवी और डेढ़ वर्षीय पुत्री ज्योति और तीन वर्षीय पुत्र चंद्रभान सिंह को छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गए थे।

Kargil War: 60 दिनों के घटनाक्रम के बारे में सेना और सरकार द्वारा जो जानकारियां सामने आई हैं उसके मुताबिक युद्ध की नींव फरवरी महीने में ही रख दी गई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसका हल्ला पूरे विश्व में हुआ था। पाकिस्तान एक धोखेबाज देश है, इसका पता पूरे विश्व को इस युद्ध के जरिए पता लग गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Kargil War) ने शानदार जीत हासिल की थी। इस युद्ध में हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे।

थापर (Captain Vijayant Thapar) का सेना के साथ लगाव कितना था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे जब छोटे थे तो अपने छोटे भाई के साथ 'परमवीर चक्र' विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे।

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