कारगिल युद्ध: पाक आर्मी के पास नहीं थे पर्याप्त हथियार, सैन्य अधिकारियों ने जानबूझकर मुल्क को जंग में झोंका- नवाज शरीफ

शरीफ (Nawaz Sharif) ने बाजवा पर निशाना साधता हुए कहा कि उन्हें इसका भी जवाब देना है कि उन्होंने क्यों एक जज के घर पर जाकर उन पर कानून और आईन (संविधान) के खिलाफ फैसला करने का दबाव डाला।

Nawaz Sharif

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने कारगिल युद्ध को लेकर कुछ दावे किए। उनके दावों से जहां एक तरफ पाकिस्तान में सियासी पारा चढ़ने के आसार है, वहीं, इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तान की फजीहत होने की भी पूरी संभावना है। शरीफ ने दावा किया कि करगिल युद्ध में सैनिकों के पास हथियार नहीं थे, लेकिन कुछ जनरलों ने युद्ध में झोंक दिया। बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे।

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नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ पर इशारों में हमला करते हुए कहा है कि करगिल में हमारे सैकड़ों जवानों को शहीद करवाने और पाकिस्तान को दुनिया में रुसवा कराने का फैसला फौज का था नहीं था, चंद जनरलों का था, जिन्होंने फौज को ही नहीं देश और कॉम को ऐसी जंग में झोंक दिया, जिसमें कोई फायदा नहीं हो सका।

उन्होंने (Nawaz Sharif) कहा, वो लम्हा मेरे लिए तकलीफ का था ,जब मुझे मेरे बहादुर सिपाहियों ने बताया कि करगिल की ऊंची चोटियों पर खुराक तो दूर की बात हथियार तक नहीं भिजवाया गया। उन्होंने कहा, इसके पीछे कुछ किरदार शामिल थे, जिन्होंने खुद को बचाने के लिए सेना और देश को युद्ध की आग में झोंक दिया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने क्वेटा में विपक्षी दलों के तीसरे सबसे बड़े सरकार विरोधी जलसे के दौरान ये बातें कहीं।

नवाज (Nawaz Sharif) ने पाक सेना प्रमुख बाजवा को भी आड़े हाथों लिया

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने एक बार फिर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा पर निशाना साधा है। शरीफ ने बाजवा पर जनादेश चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इमरान खान को आवाम के मैंडेट के खिलाफ जाकर प्रधानमंत्री बनाया है। इसका उन्हें लोगों को जवाब देना होगा।

शरीफ (Nawaz Sharif) ने कहा कि तबाही और बर्बादी के इल्जाम के छीटें पाकिस्तानी फौज के जवानों और अफसरों की वर्दी पर न पड़ें, इसलिए वह इसके लिए सभी जिम्मेदार किरदारों का नाम लेंगे। उन्होंने कहा कि आज तमाम सवालों के जवाब फौज को नहीं जनरल कमर जावेद बाजवा को देने हैं और जनरल फैज हमीद को देने हैं। शरीफ ने कहा, ‘जनरल बाजवा साहब, आपको साल 2018 के इलेक्शन में पाकिस्तान की तारीख की सबसे बड़ी धांधली और आवाम के मैंडेट की चोरी का हिसाब देना है। आपको अरकान-ए-पार्लियामेंट (प्रधानमंत्री) की हॉर्स्रेडिंग का हिसाब देना है।

शरीफ (Nawaz Sharif) ने बाजवा पर निशाना साधता हुए कहा कि उन्हें इसका भी जवाब देना है कि उन्होंने क्यों एक जज के घर पर जाकर उन पर कानून और आईन (संविधान) के खिलाफ फैसला करने का दबाव डाला। गौरतलब है कि पड़ोसी देश में इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष के 11 दल लामबंद हैं। उन्होंने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में तीसरा सरकार विरोध जलसा आयोजित किया है। इस जलसे में विपक्षी दल के बड़े-बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। बता दें कि सितंबर 2020 में इमरान खान सरकार के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी विपक्षी पार्टियों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था। इस महागठबंधन ने इससे पहले गुजरानवाला और कराची में भी सरकार विरोधी सफल जलसा आयोजित किया था।

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