Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आए दिन आतंकी मुठभेड़ (Terrorist Encounter) होती रहती है। कभी-कभी ये मुठभेड़ रिहायशी इलाकों में भी होती है। ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा सबसे अहम हो जाती है।

अहमद पूर्व उप-मुख्यमंत्री मुजफ्फर बेग के भाई हैं और जेकेएपी के चीफ कोआर्डिनेटर हैं। इस आतंकी हमले में उनके परिवार में को किसी तरह की कोई क्षति नहीं पहुंची है।

पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित कुछ तत्व हथियारों‚ गोला–बारूद और नकदी की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने की कोशिश कर‚ जम्मू–कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की मदद कर रहे हैं।

ड्रोन हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर–ए–तैयबा का हाथ बताया गया और अब खुलासा हुआ है कि ड्रोन हमले में इस्तेमाल आईईडी को पाकिस्तान की फैक्टरी में तैयार किया गया था।

बम निरोधक दस्ते की मदद से सभी आईईडी को तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय कर दिया गया है। फिलहाल आईईडी रखने वाले आतंकियो की तलाश में सुरक्षाबलों की छापेमारी जारी है।

ताजा मामला दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम का है। यहां रविवार को आतंकियों (Terrorists) ने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीन लिए और फरार हो गए।

मारे गए आतंकियों (terrorists) में शाकिर अल्ताफ बाबा भी शामिल है। उसके मारे जाने की पुष्टि कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने की है।

जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया है। आतंकी की अभी पहचान नहीं हो सकी है। सर्च ऑपरेशन जारी है।

इस साल घाटी में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से सबसे अधिक आतंकवादी मारे गए। इस महीने अब आतंकियों के खिलाफ नौ मुठभेड़ हुईं, जिनमें 22 आतंकी मारे गए।

आतंकियों (Terrorists) ने सोपोर में ग्रेनेड हमला किया है। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है।

सतवारी के एयर फोर्स स्टेशन और पास के ही मशहूर पीर बाबा की दरगाह के ऊपर एक के बाद एक दो ड्रोन (Drone) उड़ते दिखाई दिए। इसने फिर पाक की भारत विरोधी कुत्सित चालों व बदनियति को बेनकाब किया है।

सीमा पर तैनात जवान व अफसर हाई अलर्ट पर हैं। सीमा पार से आने वाले ड्रोन (Drone) को लेकर भी अति सतर्कता बरती जा रही है।

सेना के विश्वसनीय इनपुट के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके कारण हाइवे से करीब 700 मीटर दूर 30 किलोग्राम आईईडी बरामद किया गया।

पिछले सप्ताह भी लश्कर के आतंकियों (Militants) सहित घाटी में कई दहशतगर्दों का सफाया सुरक्षाबलों ने किया है। गौरतलब है कि सेना और सुरक्षाबलों की कार्रवाई से आतंकियों में खलबली मची हुई है।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ऐसे ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर की सीमा में छिपे अपने आतंकियों को हथियार पहुंचाने के अलावा ड्रग्स और पैसे पहुंचाने के लिए करता है।

दो जुलाई को भी पाकिस्तान के क्वाडकॉप्टर (Drone) ने अरनिया सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन बीएसएफ के जवानों द्वारा गोली चलाए जाने के बाद वह पीछे हट गया था।

बडगाम पुलिस और सेना की 53 आरआर ने ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। दरअसल पुलिस और सेना की संयुक्त नाका पार्टी चेकिंग कर रही थी।

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