सच के सिपाही

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अंतर्गत जनरल रिजर्व फोर्स में तैनात बिहार के वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के रामपुरानी गांव निवासी राकेश कुमार शुक्ला (Martyr Rakesh Kumar Shukla) ड्यूटी के दौरान अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गए।

ऐसे करीब 54 जवान हैं जिन्हें पाकिस्तान ने अपनी कैद में रखा हुआ है। इन सैनिकों के परिवारों को आज भी यकीन है कि उनके परिवार के सदस्य पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और एक न एक दिन वे वापस अपने वतन लौटेंगे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए भीषण युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) काफी अलर्ट थी। पाकिस्तान की हर साजिश के खिलाफ जबरदस्त जवाब दिया गया था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर विफल साबित करने के लिए हमारी सेना ने जबरदस्त प्रहार किया था।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) को हार का सामना करना पड़ा था। चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरी थी। भारतीय सेना अधूरी तैयारी के साथ इस युद्ध में उतरी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय जवानों ने शौर्य का परिचय दिया था। पाकिस्तानी सेना को हराकर भारतीय जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां के खिलाफ नजर उठाने वालों के साथ क्या सलूक होता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमारे सैनिकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इससे पहले 1965 युद्ध के दौरान पठानकोट वायुसेना स्टेशन (Pathankot Air Base) पर पाकिस्तान ने हमला किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान तीन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force)  के जवान पाकिस्तानी जेल तोड़कर फरार हो गए थे। पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस से महज एक दिन पहले ही इन सैनिकों ने इसे अंजाम दिया था।

'नंदा मेरा नहीं इस देश का बेटा है। उसके साथ वही बर्ताव किया जाए जो दूसरे युद्धबंदियों के साथ किया जा रहा है। छोड़ना है तो सभी युद्धबंदियों को छोड़िए।'

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में कर्नल अनिल ए अथले (Colonel Anil A Athale) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। भारतीय सेना (Indian Army) बेखौफ होकर दुश्मनों पर टूट पड़ने के लिए जानी जाती है।

India Pakistan War 1971: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को शानदार जीत हासिल हुई थी। युद्ध के दौरान पाकिस्तान की कैद में कुछ भारतीय जवान युद्धबंदी बनकर रहे थे।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित सिंभावली क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर खुड़लिया निवासी जयभगवान सिंह चौधरी 1960 में वायुसेना में शामिल हुए थे।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन के खिलाफ भारतीय वीर सपूतों ने जीत के लिए पूरी मेहनत की थी लेकिन हार नसीब हुई थी। हार की वजह थी, भारतीय सेना (Indian Army) का अधूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरना।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को पस्त करने की कोशिश की थी।

भारत और चीन के बीच 1962 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश की थी। युद्ध में चीनी सेना हमारे वीर सपूतों पर भारी पड़ी थी। चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ भारतीय सेना के खिलाफ उतरी थी, जबकि हम आधी-अधूरी तैयारी के साथ लड़े थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Kargil War) ने शानदार जीत हासिल की थी। इस युद्ध में हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जीत हासिल की थी। इस युद्ध में पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। कारगिल का नाम सुनते ही भारतीय जवानों के बहादुरी के किस्से याद आते हैं।

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