India Pakistan War 1971: …जब ब्रिगेडियर चांदपुरी ने पीछे हटने से कर दिया था इनकार, कहा था- एक-एक जवान अंतिम सांस तक मुकाबला करेगा

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय जवानों ने शौर्य का परिचय दिया था। पाकिस्तानी सेना को हराकर भारतीय जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां के खिलाफ नजर उठाने वालों के साथ क्या सलूक होता है।

Brigadier Kuldip Singh Chandpuri

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1971: ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी (Brigadier Kuldip Singh Chandpuri) और उनके साथी पाकिस्तानी सैनिकों का पूरी रात मुकाबला करते रहे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय जवानों ने शौर्य का परिचय दिया था। पाकिस्तानी सेना को हराकर भारतीय जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां के खिलाफ नजर उठाने वालों के साथ क्या सलूक होता है।

इस युद्ध में लोंगेवाला सीमा पर घुसपैठ कर चुके पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पटखनी दी गई थी। 4 दिसंबर, 1971 को पाक सेना के दो हजार सैनिक टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों से लोंगेवाला सीमा में घुस गए थे।

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इस दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शौर्य का बेमिसाल परिचय दिया था। ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी (Brigadier Kuldip Singh Chandpuri), जो उस समय मेजर थे, वह उस मोर्चे को लीड कर रहे थे। उन्हें पता चला कि पाकिस्तानी सैनिक 2 हजार से ज्यादा संख्या में लोंगेवाला सीमा पर घुसपैठ कर चुके हैं। इस दौरान हाई कमान ने आदेश दिया कि ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी और उनकी टुकड़ी मोर्चे से पीछे हट जाए।

हालांकि, ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी (Brigadier Kuldip Singh Chandpuri) ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि एक-एक जवान आखिरी गोली और अंतिम सांस तक पाक सेना का मुकाबला करेगा। उन्होंने इसे सच भी साबित किया।

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ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी (Brigadier Kuldip Singh Chandpuri) और उनके साथी पाकिस्तानी सैनिकों का पूरी रात मुकाबला करते रहे। इस दौरान सुबह होने तक दुश्मन के 38 पैटन टैंक और कई बख्तरबंद गाड़ियों को ध्वस्त कर दिया था। जवानों के इस पराक्रम ने पाकिस्तान के खिलाफ इस युद्ध में भारतीय सेना की जीत की नींव रखी थी। 23 पंजाब रेजीमेंट ने इसमें अहम भूमिका अदा की थी।

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