सच के सिपाही

कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था। 

थापर (Captain Vijayant Thapar) का सेना के साथ लगाव कितना था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे जब छोटे थे तो अपने छोटे भाई के साथ 'परमवीर चक्र' विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। वह दुश्मनों पर कहर बनकर टूटे थे।

कई कठिनाईओं और तमाम चुनौतियों के बावजूद जवान लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रहे हैं। अपनी जान दे कर भी वे नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करते हैं। ऐसे ही एक जवान थे नितिन पी भालेराव (Nitin P Bhalerao)।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को नक्सलियों द्वारा IED ब्लास्ट किया गया था। इस ब्लास्ट में नितिन भालेराव (Nitin Bhalerao) इलाज के दौरान शहीद हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इन ऑपरेशन के दम पर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में हर जवान का योगदान बेहद अहम माना जाता है।

भारतीय सेनाओं के पास ऐसे कई हथियार मौजूद हैं जिनके दम पर वह किसी भी देश के खिलाफ जीत हासिल कर सकते हैं। भारत पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में कई घातक हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है।

सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के इन जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछ राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था।

भारतीय नौसेना (Indian Navy) दुनिया की एडवांस सेनाओं में से एक मानी जाती है। नौसेना ने कई मौकों पर अपनी अहमियत को दर्शाया है। नौसेना की मैरीन कमांडो फोर्स (MARCOS) बेहद ही खतरनाक विंग मानी जाती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान ने धोखे से भारत के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा था। लेकिन उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के 500 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। भारत मां की रक्षा के लिए इन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही जवानों ने दम लिया था।

कारगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद होने वाले जवानों में से एक जवान सीकर जिले के गांव सिगडोला छोटा के बनवारी लाल (Banwari Lal) भी थे।  28 अप्रैल, 1996 को आर्मी ज्वॉइन करने वाले इस जवान ने महज तीन साल के कार्यकाल में ही देश के लिए कुर्बानी दे दी।

वीर सपूतों ने शहीद होने से पहले अपने परिवारों को खत भी लिखे थे। शहीद होने से पहले 17 जाट रेजीमेंट में तैनात नरेश कुमार ने भी परिवार को खत लिखा था।

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