इस परमवीर का आखिरी खत पढ़ रो पड़ेंगे आप! देश के लिए दी थी कुर्बानी
कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था।
छोटे भाई के साथ अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे विजयंत थापर, बचपन से ही सेना से था खास लगाव
थापर (Captain Vijayant Thapar) का सेना के साथ लगाव कितना था इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वे जब छोटे थे तो अपने छोटे भाई के साथ 'परमवीर चक्र' विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल का घर देखने गए थे।
Kargil War: …जब अचानक चट्टान की ओट से बाहर निकल विजयंत थापर ने एलएमजी चला रहे दुश्मन को किया ढेर
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। वह दुश्मनों पर कहर बनकर टूटे थे।
सुकमा IED ब्लास्ट: बुरी तरह जख्मी हो चुके थे असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव, फिर भी 7 घंटों तक नक्सलियों को दिया मुंहतोड़ जवाब
कई कठिनाईओं और तमाम चुनौतियों के बावजूद जवान लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रहे हैं। अपनी जान दे कर भी वे नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करते हैं। ऐसे ही एक जवान थे नितिन पी भालेराव (Nitin P Bhalerao)।
सुकमा IED ब्लास्ट: मां के बेहद करीब थे शहीद असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव, कम उम्र में हो गया था पिता का निधन
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को नक्सलियों द्वारा IED ब्लास्ट किया गया था। इस ब्लास्ट में नितिन भालेराव (Nitin Bhalerao) इलाज के दौरान शहीद हो गए थे।
1971 के युद्ध की तीन सबसे खूनी लड़ाईयां, Indian Army का बजा था डंका
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इन ऑपरेशन के दम पर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।
Kargil War: वह शहीद जिसने तीन चौकियों पर फहराया था तिरंगा, 21 साल की उम्र में देश के लिए दी कुर्बानी
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में हर जवान का योगदान बेहद अहम माना जाता है।
एएच-64 डी अपाचे लॉन्गबो ब्लॉक III अटैक हेलीकॉप्टर से कांप उठता दुश्मन, जानें इसकी खासियतें
भारतीय सेनाओं के पास ऐसे कई हथियार मौजूद हैं जिनके दम पर वह किसी भी देश के खिलाफ जीत हासिल कर सकते हैं। भारत पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में कई घातक हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है।
India Pakistan War 1971: भारत ने क्यों 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया था?
सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के इन जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछ राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं।
Kargil War: 19 साल की उम्र में पाकिस्तानी सैनिकों से भीड़ गए थे, जंग के मैदान में 17 दिन तक नहीं खाया था खाना
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान एक 19 साल के जवान ने देश भक्ति का शानदार परिचय दिया था। इस जवान ने जंग के मैदान में 17 दिन तक खाना नहीं खाया था।
भारतीय नौसेना की मैरीन कमांडो फोर्स की ये हैं खासियतें, नाम सुनकर ही कांप उठता है दुश्मन
भारतीय नौसेना (Indian Navy) दुनिया की एडवांस सेनाओं में से एक मानी जाती है। नौसेना ने कई मौकों पर अपनी अहमियत को दर्शाया है। नौसेना की मैरीन कमांडो फोर्स (MARCOS) बेहद ही खतरनाक विंग मानी जाती है।
Kargil War: कैप्टन अखिलेश सक्सेना ने बिना हारे लौटने की खाई थी कसम
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तान ने धोखे से भारत के खिलाफ यह युद्ध छेड़ा था। लेकिन उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ा था।
21 साल से शहीद बेटे के लिए रोज खाने की थाली लगाती है मां, बेटे के कमरे को तस्वीरों से सजा कर रखा है
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के 500 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। भारत मां की रक्षा के लिए इन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।
War of 1965: युद्ध में हुआ था इन घातक हथियारों का इस्तेमाल, PAK के पास थे आला दर्जे के अमेरिकी टैंक
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा।
22 साल से कश्मीरी दुपट्टा ओढ़कर पति को याद करती है वीरांगना, कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे विनोद कुमार
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान हमारे वीर सपूतों ने शानदार प्रदर्शन किया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही जवानों ने दम लिया था।
पहले वेतन से पत्नी के लिए घड़ी लाया था कारगिल का ये शहीद, वीरांगना के लिए अब यही है सबकुछ
कारगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद होने वाले जवानों में से एक जवान सीकर जिले के गांव सिगडोला छोटा के बनवारी लाल (Banwari Lal) भी थे। 28 अप्रैल, 1996 को आर्मी ज्वॉइन करने वाले इस जवान ने महज तीन साल के कार्यकाल में ही देश के लिए कुर्बानी दे दी।
‘1971 में पिताजी शहीद हुए थे, मैं भी पीछे नहीं हटूंगा’, 17 जाट रेजीमेंट के जवान नरेश कुमार का आखिरी खत
वीर सपूतों ने शहीद होने से पहले अपने परिवारों को खत भी लिखे थे। शहीद होने से पहले 17 जाट रेजीमेंट में तैनात नरेश कुमार ने भी परिवार को खत लिखा था।