सच के सिपाही

किसी भी युद्ध में जीत और हार हथियारों पर निर्भर करती है। जिस सेना के पास जितने बढ़िया और मॉर्डन हथियार होंगे उसका पलड़ा उतना ही भारी होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War)  में पंजाब के 105 जवानों ने शहादत दी थी। भारत मां की रक्षा के लिए ये सैनिक दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए किसी भी हद से गुजर गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य गाथा को बयां करता है। युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।

युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।

भारत और पाक के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए 1947 में नापाक साजिश रची जिसे सेना (Army) ने बुरी तरह से विफल कर दिया। 

मार्शल अर्जन सिंह (Arjan Singh) एक मात्र अधिकारी रहे जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई। उनके असाधारण योगदान के लिए साल 2002 में एयर फोर्स का मार्शल बनाया गया था। 

मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma) टूटे हाथ के दर्द को नजरअंदाज कर अपने साथी जवानों को मैग्जीन में गोलियां भरकर देते जा रहे थे। उनकी बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है।

मंडी जिले के 12 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश की सरहदों पर कुर्बानी देने में जिला हमीरपुर भी पीछे नहीं रहा।

कई मौकों पर हमने अपने जवानों को खोया है जब पुरानी बारूदी सुरंग के संपर्क में आने से जवान शहीद हुए हैं। इनसे निपटने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं मिल पाई है।

पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।

Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय जवानों ने बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर भारतीय जवानों का डंका बजा था।

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन को जीत मिली थी। 1962 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि हमारी सेना को युद्ध लड़ना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी युद्ध 1999 में लड़ा गया था। यह कारगिल युद्ध (Kargil War) के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों पर धोखे से कब्जा कर लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में एक डाकू ने भारतीय सेना (Indian Army) की काफी मदद की थी। सेना की मदद करने के बाद इस डाकू के ऊपर चल रहे सारे मामलों को बंद कर दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में  लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।

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