1971 का युद्ध: पाकिस्तान के खिलाफ इन खतरनाक हथियारों का हुआ था इस्तेमाल, दुश्मन देश के निकल गए थे आंसू
किसी भी युद्ध में जीत और हार हथियारों पर निर्भर करती है। जिस सेना के पास जितने बढ़िया और मॉर्डन हथियार होंगे उसका पलड़ा उतना ही भारी होगा।
Kargil War: पाकिस्तान के खिलाफ पंजाब के 105 सैनिकों ने दी थी शहादत, इन जवानों का कर्जदार है देश
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में पंजाब के 105 जवानों ने शहादत दी थी। भारत मां की रक्षा के लिए ये सैनिक दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए किसी भी हद से गुजर गए थे।
Kargil War: ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर भारत को हराना चाहता था पाकिस्तान, प्लान हुआ बुरी तरह फेल
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य गाथा को बयां करता है। युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।
कश्मीर को कबायलियों से बचाने में ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की भूमिका थी सबसे अहम, जानें कैसे
युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।
1947 के भारत और पाकिस्तान युद्ध की अहम बातें, सीना गर्व से हो जाएगा चौड़ा
भारत और पाक के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए 1947 में नापाक साजिश रची जिसे सेना (Army) ने बुरी तरह से विफल कर दिया।
1965 की जंग के दौरान मार्शल अर्जन सिंह ने संभाली थी वायु सेना की कमान, बुरी तरह हारा था PAK
मार्शल अर्जन सिंह (Arjan Singh) एक मात्र अधिकारी रहे जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई। उनके असाधारण योगदान के लिए साल 2002 में एयर फोर्स का मार्शल बनाया गया था।
बायें हाथ पर बंधा था प्लास्टर, शहीद होने से पहले मेजर सोमनाथ शर्मा ने दुश्मनों को किया नेस्तनाबूद
मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma) टूटे हाथ के दर्द को नजरअंदाज कर अपने साथी जवानों को मैग्जीन में गोलियां भरकर देते जा रहे थे। उनकी बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है।
कारगिल युद्ध: हिमाचल के 52 जवानों ने दिया था बलिदान, दुश्मनों को चटाई थी धूल
मंडी जिले के 12 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश की सरहदों पर कुर्बानी देने में जिला हमीरपुर भी पीछे नहीं रहा।
कारगिल युद्ध: पाकिस्तान बारूदी सुरंग बिछाता था, 20 साल बाद भी मिल रहे सबूत
कई मौकों पर हमने अपने जवानों को खोया है जब पुरानी बारूदी सुरंग के संपर्क में आने से जवान शहीद हुए हैं। इनसे निपटने के लिए कोई कारगर तकनीक नहीं मिल पाई है।
कारगिल युद्ध 1999: लेह का वो रास्ता, जिसके खुलते ही सेना की मूवमेंट हो गई थी तेज, जानें पूरा मामला
पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।
कारगिल युद्ध: वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयंत थापर का आखिरी खत, शहीद होने से पहले कही थीं ये बातें
Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।
Kargil War: युद्ध की कहानी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर की जुबानी, जानें कैसा था इनका अनुभव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।
दुश्मन की गोलियों से शरीर हो गया था छलनी, फिर भी सतवीर बाउजी ने दुश्मनों से किए दो-दो हाथ
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारतीय जवानों ने बुरी तरह से हराया था। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर भारतीय जवानों का डंका बजा था।
हमसे 8 गुना ज्यादा सैनिक लेकर जंग में उतरा था चीन, भारतीय जवानों ने छुड़ा दिए थे छक्के
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन को जीत मिली थी। 1962 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि हमारी सेना को युद्ध लड़ना पड़ा था।
Kargil War: युद्ध की कहानी गोरखा रेजीमेंट के सिपाही कैलाश क्षेत्री की जुबानी, जानें कैसे दुश्मनों को किया था ढेर
भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी युद्ध 1999 में लड़ा गया था। यह कारगिल युद्ध (Kargil War) के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों पर धोखे से कब्जा कर लिया था।
जब एक डाकू ने 1971 के युद्ध में Indian Army के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिया देशभक्ति का परिचय
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में एक डाकू ने भारतीय सेना (Indian Army) की काफी मदद की थी। सेना की मदद करने के बाद इस डाकू के ऊपर चल रहे सारे मामलों को बंद कर दिया गया था।
मेजर सुभाष गुलेरी आज भी हैं पाकिस्तान की जेल में बंद, परिवार को है वतन वापसी की आस
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।