Terrorists

दोनों आतंकियों (Terrorists) की पहचान स्थानीय आतंकी एजाज हाफिज और शाहिद अयूब के तौर पर की गयी है। ये अल बद्र से जुड़े थे और उनके पास से दो रायफल बरामद हुई हैं।

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक पार्टियों ने इस हत्या की निंदा की है। सिन्हां के अनुसार, मैं सरपंच मंजूर अहमद बांगरू पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं।

मुठेभड़ के बाद घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने ऑटोमेटिक हथियार के साथ गोला-बारूद व कुछ अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। वहीं अभी तक मारे गये आतंकियों (Terrorists) की पहचान नहीं हो पाई है। 

मुठभेड़ में मारे गये इन आतंकियों (Terrorists) की पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार-गजवतुल-हिंद के सफत मुजफ्फर सोफी उर्फ मुआविया और लश्कर-ए-तैयबा के उमर तेली उर्फ तल्हा के रूप में हुई है।

जांच के दौरान इन तीनों आरोपियों (Three Suspects) के पास से आठ किलो आरडीएक्स के साथ टाइमर व बम बनाने का सामान बरामद किया है।

मारे गये आतंकियों (Terrorists) की पहचान ईस अहमद भट पुत्र अब्दुल हमीद भट निवासी शाहबाद वीरी बिजबेहाड़ा और हिलाल अहमद राह उर्फ शब्बू पुत्र सफीर अहमद राह निवासी बिजबेहाड़ा के तौर पर हुई है।

सुरक्षाबलों ने सोमवार को इंफाल ईस्ट जिले के लाइरेनपेट इलाके से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे आतंकी को तेंगनुपाल जिले के रिंगपाम गांव से पकड़ा गया।

विशेष पुलिस अधिकारी इशफाक अहमद की बडगाम में उनके आवास के पास गोली मार कर हत्या का दी थी। इस घटना में उनके भाई उमर जान को भी गोलियां लगी थीं।

रैनावारी इलाके में एक नाके पर आतंकियों ने हथगोले से हमला किया, लेकिन यह हथगोला अपने निर्धारित लक्ष्य से चूक गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान मामूली रूप से जख्मी हो गए।

मुठभेड़ के दौरान फरार हुये दो आतंकियों (Terrorists) की तलाश के लिए पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। ये इलाका घनी आबादी और नेशनल हाइवे से सटा है,  इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है।  

दो दिन पहले श्रीनगर में हुये ग्रेनेड धमाके में कार्रवाई करते हुये सुरक्षाबलों ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनमें से पहले संदिग्ध की पहचान खानयार निवासी मोहम्मद बारिक के तौर पर हुई है।

लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि निर्दोष नागरिक की मौत पर उनके परिवारवालों के प्रति मेरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।

सन 1995 में ऑल कामतापुर स्टूडेंट यूनियन के कोच-राजबोंगसी समुदाय के सदस्यों ने भारत और नेपाल से कामतापुर को अलग कर उसे पृथक देश घोषित करने की मांग की थी तभी केएलओ संगठन अस्तित्व में आया था। 

ये आतंकी (Terrorists) अब घुसपैठ के लिए सैन्य टुकड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कोड-वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनमें रोमियो, टैंगो, अल्फा और माइक जैसे शब्द शामिल हैं।

सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें बिछाई जाती हैं जो कभी-कभी बारिश से बह जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।

सुरक्षाबलों ने भी एक आतंकी को मार गिराया है। जिसकी पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आंतकी अब्दुल कयूम डार के तौर पर हुई है और वह पुलवामा के लारू काकापोरा का रहने वाला था।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि उग्रवादी तत्व मुख्यधारा में लौटने के इच्छुक हैं तो केंद्र सरकार उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है।

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