Militants

मुजफ्फराबाद में आईएसआई (ISI) ने अपनी अध्यक्षता में एक बैठक की थी‚ जिसमें बड़े–बड़े आतंकवादी संगठन के नेता शामिल हुए थे। हिज़बुल मुजाहिदीन‚ लश्कर–ए–तैयबा‚ जैश-ए-मोहम्मद के कई बड़े कमांडर इसका हिस्सा बने थे।

शुरुआत में छह आतंकवादियों (Terrorists) के शव बरामद हुए थे और दो अन्य शव दूरस्थ इलाके में तलाश अभियान के दौरान बाद में मिले। ऐसा संदेह है कि ये शव संगठन के दो शीर्ष नेताओं के हैं।

संदिग्धों की निशानदेही पर पुलवामा जिले (Pulwama) में 10 किलोग्राम वजन का एक आईईडी जब्त किया गया हैं। पुलिस के अनुसार, उसके जवानों ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी हमले के षड्यंत्र को विफल कर दिया।

इस हमले के बाद अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर हमला करने वाले संदिग्ध आतंकियों (Militants) की तलाश की जा रही है।

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच खबर मिली है कि खुफिया जानकारी के आधार पर 2 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है।

ताजा मामला ये है कि आतंकियों (Terrorists) ने अनंतनाग जिले में पुलिस पर हमला किया है और इस आतंकी हमले में एक जवान घायल हुआ है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों (Militants) के बाकी साथियों का पता किया जा रहा है, जल्द ही एक बड़े आतंकी रैकेट का भंड़ाफोड़ किया जायेगा।

ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) कमांडर मो. यूसुफ डार उर्फ कांटरू और अबरार नदीम भट के भी संपर्क में थे। इनके पास से गोला बारूद और लश्कर-ए-तैयबा के पोस्टरों के अलावा कुछ और आपत्तिजनक सामग्री जब्त हुई हैं।

सुरक्षाबल मस्जिदों में छिपे आतंकियों (Militants) को मार गिराने की कोशिश नहीं करेंगे और उन्हें वहां से सुरक्षित निकलने का रास्ता देंगे और यदि सुरक्षाबल उन पर हमला करते है तो मस्जिद को बहाना बनाकर सुरक्षाबलों के खिलाफ एक माहौल बनाया जाएगा।

इस सफलता से 11 दिन पहले ही पुलिस की विशेष अभियान टीम ने इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर (ISJK) के कमांडर अब्दुल्ला को जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर झज्जर कोटली से गिरफ्तार किया था।

ऐसी ही घटना 1 जुलाई, 2020 को सोपोर में भी घटी थी। जहां आतंकवादियों (Militants) ने एक मस्जिद की आड़ में सीआरपीएफ टीम फायरिंग की थी, जिसमें एक जवान शहीद और एक नागरिक की मौत हो गई थी।

शाहिद नावेद की गिरफ्तारी से पहले उसके एक अन्य सहयोगी शेर अली को भी तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह कुवैत सरकार द्वारा डीपोर्ट किए जाने के बाद भारत पहुंचा था।

पुलिस और सेना के ज्वाइंट टीम ने इलाके की घेराबंदी की और वहां आतंकवादियों (Terrorists) की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी के आधार पर सर्च अभियान चलाया।

वहीद–उर–रहमान 2016 में कुपवाडा इलाके से दक्षिण कश्मीर में हथियारों की तस्करी करने में भी शामिल था, जब पूर्ववर्ती राज्य जम्मू–कश्मीर में पीडीपी की बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार थी।

ये घटना दक्षिण कश्मीर जिले में बिजबेहरा के संगम में हुई है। आतंकवादी (Militant) ने ग्रेनेड को सड़क किनारे फेंका था। इसलिए वहां पर पहले से ही मौजूद दो व्यक्ति मामूली रूप से घायल हो गये।

पिछले 12 दिनों में तीसरी बैंक लूट की वारदात है। इससे पहले 16 मार्च को भी आतंकियों (Militants) ने श्रीनगर के पंजीनारा इलाके में मौजूद ग्रामीण बैंक की शाखा से साढ़े तीन लाख की राशि लूट ली थी।

इस सीजन में घुसपैठ के लिए लॉन्च पैड और उसके आसपास के इलाकों में आतंकी‚ उनके गाइड और पोर्टर्स की हरकतें तेज हो गई हैं। ये लोग घुसपैठ के लिए लगातार रेकी करते नजर आ रहे हैं।

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