Kargil War

Kargil War: इजरायल ने जरूरी हथियार और गोला बारूद भी उपलब्ध करवाए। ऐसी डिवाइस भी भेजी जिन्हें लड़ाकू जहाज में लगाकर सही टारगेट पर हमला किया जा सकता था।

Kargil War: युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने अंत तक बहादुरी का परिचय दिया था।

ऑपरेशन की सफलता के बाद पाकिस्तानियों के खिलाफ दूसरे ऑपरेशन में छाती पर गोली खाकर शहीद होने वाले बत्रा को सरकार ने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को हराकर भारतीय सेना ने विश्व में अपना डंका बजाया था।

Indian Army: इंडियन एयरफोर्स को सरहद पर जब किसी इलाके में घुसपैठियों या फिर दुश्मन देश के सैनिकों की मौजूदगी की भनक लगती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है।

Indian Army: सैन्य शक्ति को बढ़ाने का सीधा मतलब यह है कि सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जाता है और इसके साथ ही एडवांस कैटिगरी के हथियारों को तैनात कर दिया जाता है। 

Kargil War 1999: इस जंग में अहम भूमिका निभाई थी और टाइगर हिल फतह करने वाली टीम में शामिल थे। पर होनी को कुछ और मंजूर था।

Kargil War 1999: पाकिस्तान बड़ी प्लानिंग कर कश्मीर हड़पने आया था। वह अशांति फैलाने और भारतीय सेना को सीधे चुनौती देकर ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहता था। 

Kargil War: सैनिक पाकिस्तानी घुसपैठिओं पर कड़ी नजर रखते हैं। घुसपैठ करने वालों को चेतावनी दी जाती है। चेतावनी को नजरअंदाज करने पर गोली से उड़ा दिया जाता है।

कारगिल युद्ध (Kargil war) के लिए गुरदीप सिंह ने रातों-रात झंडे तैयार किए थे। सेना की ओर से उन्हें एक बार अर्जेंट कहा गया था कि 23 झंडे चाहिए।

Indian Army ने एलओसी (LoC) से लेकर एलएसी (LAC) तक सैन्य ताकत कई गुना बढ़ा ली है। कारगिल युद्ध के बाद से भारत ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख तक धरातल पर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम कर लिया है।

आज कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारत की जीत को 22 साल पूरे हो गए हैं। इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

पाकिस्तान हर बार झूठ बोलता है और ऐसा ही इस युद्ध के बाद किया था। पाकिस्तान ने शुरुआत में कहा था कि उसके सिर्फ 375 सैनिक मारे गए हैं।

कारगिल में पाक सैनिकों की घुसपैठ की सबसे पहले खबर देने वालों में जाट रेजिमेंट के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया थे। 1999 में कारगिल में पाकिस्तानियों की घुसपैठ का पता कैप्टन सौरभ कालिया और उनकी टीम ने लगाया था।

Kargil War: 1999 में मनोज पांडे ने अपनी मां से वादा किया था कि 25 जून को जन्मदिन पर घर आएंगे। पर मई में दुश्मनों ने देश पर हमला कर दिया।

Indian Army: सरहद पर ड्यूटी के दौरान जवानों के दिमाग में बस दिमाग में यह होता है कि सब कुछ शक से देखें, अलर्ट रहें और दुश्मन को घुसने न दें।

यह भी पढ़ें