अब कोई भी दुश्मन नहीं कर सकता ‘कारगिल’ जैसी हिमाकत, भारत ने सीमाओं पर बढ़ा ली है ताकत

Indian Army ने एलओसी (LoC) से लेकर एलएसी (LAC) तक सैन्य ताकत कई गुना बढ़ा ली है। कारगिल युद्ध के बाद से भारत ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख तक धरातल पर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम कर लिया है।

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साल 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) के बाद भारत में घुसपैठ करने की जुर्रत अब कोई भी पड़ोसी देश नहीं कर सकता, चाहे वह पाकिस्तान हो या चीन। Indian Army ने एलओसी (LoC) से लेकर एलएसी (LAC) तक सैन्य ताकत कई गुना बढ़ा ली है।

आज ‘कारगिल विजय दिवस’ (Kargil Vijay Diwas) है। कारगिल युद्ध (Kargil War)  में भारत की शानदार जीत के 22 साल पूरे हो गए हैं। साल 1999 का कारगिल युद्ध भारत ने जीता था, पर इस दौरान हमने अपने कई जांबाजों को खो दिया था। यह युद्ध पाकिस्तान के धोखे की वजह से शुरू हुआ था। दरअसल, पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे।

भारी संख्या में आए पाक सेना के जवानों ने कारगिल के उन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था जिन्हें सर्दियों के दौरान भारतीय सेना (Indan Army) खाली कर देती है। दोनों देशों के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते के तहत तय हुआ था कि ठंड के मौसम में दोनों देशों की सेनाएं जम्मू-कश्मीर में बेहद बर्फीले स्थानों पर मौजूद एलओसी को छोड़कर कम बर्फीले स्थान पर चली जाएंगी।

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भारतीय सेना (Indian Army) ने तो ऐसा ही किया लेकिन पाकिस्तानी सेना धोखे से हमारे खाली इलाकों में घुस गई थी। हालांकि, भनक लगते ही सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ लॉन्च कर एक-एक कर के दुश्मनों को कब्जे वाली पोस्टों से खदेड़ा।

साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद भारत में घुसपैठ करने की जुर्रत अब कोई भी पड़ोसी देश नहीं कर सकता, चाहे वह पाकिस्तान हो या चीन। भारत ने एलओसी (LoC) से लेकर एलएसी (LAC) तक सैन्य ताकत कई गुना बढ़ा ली है। कारगिल युद्ध के बाद से भारत ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख तक धरातल पर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए।

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सीमा तक आधारभूत ढांचा मजबूत करने के साथ ही भारतीय सेना (Indian Army) को आधुनिक हथियारों से लैस किया गया। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किए गए घुसपैठ के मार्गों की पहचान कर वहां काउंटर-इंफिल्ट्रेशन ग्रिड बनाए गए हैं। सेना की तैनाती तीन गुना से अधिक हो गई है। अब सर्दियों में वहां की चौकियां खाली नहीं होतीं।

सेना की आपूर्ति को तुरंत पूरा करने के लिए एलओसी के पास कई हेलीपैड बन चुके हैं। कारगिल युद्ध के बाद सेना (Indian Army) की 14वीं कोर को बनाया गया, ताकि सही से लद्दाख संभाग के साथ जुड़ने वाली पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पैनी नजर रखी जा सके। कारगिल युद्ध के बाद न केवल लेह, कारगिल की मुख्य सड़कों बल्कि एलओसी और एलएसी तक सड़कें बन चुकी हैं।

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जोजिला पास को भी अब कम समय तक बंद रखा जा रहा है। जोजिला टनल का निर्माण भी किया जा रहा है। इतना ही नहीं, हमारा खुफिया तंत्र भी पहले से कहीं अधिक मजबूत है। इससे दुश्मन की हर चाल को समय रहते नाकाम करने की क्षमता में इजाफा हुआ है।ो

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