Kargil War: छुट्टियों में घर आने वाले थे शहीद मनोज पांडे, मां से किया था वादा

Kargil War: 1999 में मनोज पांडे ने अपनी मां से वादा किया था कि 25 जून को जन्मदिन पर घर आएंगे। पर मई में दुश्मनों ने देश पर हमला कर दिया।

Captain Manoj Kumar Pandey

Captain Manoj Kumar Pandey

Kargil War: साल 1999 के कारगिल युद्ध शुरू होने से पहले मनोज पांडे (Captain Manoj Pandey) ने अपनी मां से वादा किया था कि 25 जून को जन्मदिन पर घर आएंगे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में कई जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि जीत में योगदान तो पूरी सेना का ही था।

युद्ध में कई जवान ऐसे होते हैं जो अपने प्रदर्शन के दम पर बहादुरी की मिसाल पेश करते हैं। ऐसे ही एक जवान परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडे (Captain Manoj Pandey) भी थे। पांडे ने इस युद्ध में बेहद ही शानदार प्रदर्शन किया था।

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उन्होंने अपने परिवार से वादा किया था कि छुट्टियों में घर आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका और जंग के मैदान में ही शहीद हो गए थे। 1999 में मनोज पांडे ने अपनी मां से वादा किया था कि 25 जून को जन्मदिन पर घर आएंगे। पर मई में दुश्मनों ने देश पर हमला कर दिया।

कारगिल युद्ध (Kargil War) शुरू होने की वजह से मनोज पांडे ने अपनी छुट्टियां रद्द करा दीं। उन्हें खालोबार हिल्स को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाने को कहा गया और इस मिशन से पहले ही उन्हें लेफ्टिनेंट से कैप्टन बनाया गया।

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वे तय लक्ष्य के मुताबिक दुश्मनों की पोस्ट पर कब्जा कर रहे थे लेकिन मनोज पांडे (Captain Manoj Pandey) जैसे ही एक बंकर पर ग्रेनेड फेंकने के लिए खड़े हुए, वैसे ही दुश्मनों की मशीन गन की गोली उनके हेलमेट को पार करती हुई, माथे को चीरकर निकल गई। देश का ये वीर सपूत मौके पर ही शहीद हो गया था।

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