Kargil War: स्थानीय लोगों पर ऐसे हुआ था असर, 2 महीने खौफ में थे लोग

Kargil War: युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं।

Kargil War

Kargil War 1999

Kargil War: युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। कारगिल जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के लद्दाख क्षेत्र में स्थित एक जिला है। कारगिल को अगास की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। दोनों देशों के बीच 1999 लड़ा गया युद्ध करीब 2 महीने तक चला था।

इस युद्ध में कारगिल के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने कई दिन खौफ में गुजारे। भीमभट्ट, बटालिक और काकसर के निवासी इस लड़ाई से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। गांवों वालों को हमेशा यह डर सताए रखता था कि कब उनके घर पर बम गिर जाए।

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दरअसल, युद्ध के दौरान भीमभट्ट गांव को बमबारी से काफी नुकसान पहुंचा था जबकि यह कारगिल से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 1999 की मई में तो ऐसी बमबारी हुई कि इस गांव के कई घर तबाह हो गए थे। तबाही का मंजर आज भी इस गांव में दिख जाता है क्योंकि कई लोगों ने अबतक अपने घर ठीक नहीं करवाएं हैं।

वहीं, बटालिक और काकसर के निवासी तो युद्ध के दौरान गोलीबारी और बमबारी की आवाज से ही खौफ में थे। भीमभट्ट के पास मौजूद इन दोनों गांवों के लोगों के मन में बस यही ख्याल रहता था कि कहीं उनके घर पर भी बमबारी न हो जाए।

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दरअसल, युद्ध के दौरान जब बमबारी होती है तो मिसाइलों के जरिए दुश्मन को टारगेट किया जाता है। ऐसे में आस-पास के इलाके भी इसकी जद्द में आ जाते हैं। इससे कई बार नागरिकों की भी मौत हो जाती है।

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