Indian Army

बीते एक साल में दुनियाभर का सैन्य खर्च (Military Expenses​) 150 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ गया है। अगर साल 2019 से तुलना की जाए तो इसमें 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

Siachen: दोनों जवानों के पार्थिव शरीर लेह से मंगलवार (27 अप्रैल) को उनके पंजाब के पैतृक गांव पहुंचेंगे। शहीद जवानों का नाम प्रभजीत सिंह और अमरदीप सिंह था।

काराकोरम पर्वत श्रृंखला में करीब 20,000 फुट की ऊंचाई वाले सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है जहां चौबीसों घंटे भारतीय सेना (Indian Army) के जवान मुस्तैदी से अपने वतन की रक्षा कर रहे हैं। 

Kargil War: मूलाराम बिडियासर समेत अन्य 4 जवानों के शरीर को दुश्मनों ने सिगरेटों से दागा था। उनके नाक, कान और होंठ काटे गऐ थे, उंगलियां काटी गईं थीं।

कुछ जवान ऐसे थे जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया और जंग के मैदान में ही शहादत दे दी। इस युद्ध में कई ऐसे जवान थे जिन्होंने शहादत दी।

आशीष ने गौतम को अपना प्लान समझा दिया था। रोज तार के आगे रहने वाले लोग अपना शिनाख्ती कार्ड चेकपोस्ट पर दिखा कर अपने घर जाते थे।

Kargil War: बजरंग पोस्ट पर पेट्रोलिंग के दौरान जवानों का अपहरण कर लिया गया था। पहले से सुसज्जित बंकरों में घात लगाए बैठे पाकिस्तानी सेना के जवानों ने घात लगाकर हमला किया था।

युद्ध के दौरान कर्नल अपनी टीम के साथ आगे बढ़ रहे थे। तभी उनका पैर बारूदी सुरंग के नीचे आ गया था। जैसे ही विस्फोट हुआ उनके एक पैर के चिथड़े उड़ गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया गया था। यह युद्ध पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था।

पाकिस्तान को इस युद्ध में बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य को यादकर पाकिस्तान आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

CDS जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने खड्ग सेपर्स का दौरा किया। उन्होंने वहां जवानों की ट्रेनिंग और अभ्यास का जायजा लिया। साथ ही जनरल रावत ने तकनीकी और खड्ग सेपर्स की तैयारियों की सराहना भी की।

युद्ध ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया था लिहाजा दुश्मन को हराने के लिए वायु सेना का बखूबी इस्तेमाल किया गया। मिग-27 से कब्जे वाले इलाकों पर बम गिराए गए थे।

कारगिल युद्ध को पाकिस्तान ने धोखे से अंजाम दिया था। पाकिस्तान की इस हरकत का भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया था। भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को फेल किया था।

'परमवीर चक्र' विजेता मनोज कुमार पांडेय (Captain Manoj Kumar Pandey) ने शहादत से पहले अपने दोस्त को एक खत लिखा था। उन्होंने युद्ध के दौरान अपने अनुभवों को दोस्त के साथ साझा किया था।

भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में चीन ने हमें हरा दिया था लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) शानदार प्रदर्शन किया था।

Indian Army मोबाइल ट्रेनिंग टीम के चार सदस्यों ने नाइजीरियाई आर्मी स्कूल ऑफ इन्फेंट्री में Nigeria Army Infantry & Special Forces के सोल्जर्स के लिए Counter Terrorism Operation Training आयोजित किया।

ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) कमांडर मो. यूसुफ डार उर्फ कांटरू और अबरार नदीम भट के भी संपर्क में थे। इनके पास से गोला बारूद और लश्कर-ए-तैयबा के पोस्टरों के अलावा कुछ और आपत्तिजनक सामग्री जब्त हुई हैं।

यह भी पढ़ें