Indian Army

Kargil War: भारत ने इस युद्ध के बाद सरहद की सुरक्षा काफी मुस्तैद किया है। इस युद्ध के बाद सीख लेते हुए सरहद पर काउंटर घुसपैठ ग्रिड बनाए गए हैं। 

60 दिनों के घटनाक्रम के बारे में सेना और सरकार द्वारा जो जानकारियां सामने आई हैं उसके मुताबिक युद्ध की नींव 1999 के फरवरी महीने में ही रख दी गई थी।

यह पोस्ट सामरिक रूप से हमारे लिए बेहद महत्व रखती है। इसपर दुश्मन का कब्जा लगातार बने रहने का मतलब था भारतीय सरजमीं पर पाक सेना की आसानी से पहुंच हो जाना।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इस युद्ध को द्वितीय विश्व के बाद का सबसे बड़ा टैंक युद्ध भी कहा जाता है।

INDIAN ARMY: उम्मीदवार को कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है। डिग्री LLB की होनी चाहिए।

युद्ध में मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के 48 सैनिकों ने भी हिस्सा लिया था। इन सैनिकों में से एक खरगोन जिले के टांडा बरूड़ निवासी सिपाही भगवान सिंह चौहान भी थे।

रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल और दूसरे विभाग कोविड-19 की लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने में मदद करने के लिए कोविड अस्पतालों की स्थापना की है

युद्ध के दौरान कई मौकों पर सेना को राशन की कमी महसूस हुई थी लेकिन तय वक्त पर राशन पहुंचा दिया जाता था। ऐसा हमारे वीर सैनिकों के द्वारा हो सका था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को हराने के लिए हर मोर्चे पर भारतीय सेना (Indian Army) ने शानदार प्रदर्शन किया था।

सेना में 9 कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा रहे और 1965 के भारत पाकिस्तान यु़द्ध में शामिल रहे रिटायर्ड जगत सिंह ने इस युद्ध से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया है।

युद्ध में पाक सेना के खिलाफ जवानों ने शौर्य का परिचय दिया। पाक को हराकर भारतीय जवानों ने दिखा दिया था कि हमारे खिलाफ नजर उठाने वालों के साथ क्या होता है।

Indo-China War of 1962: बंदी बनाए जाने के बाद उन्हें किस तरह का अनुभव महसूस हुआ था इसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब 'हिमालयन ब्लंडर' में किया है।

भारतीय सेना (Indian Army) ने JAG Entry Scheme 27th Course OCT 2021 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।

Kargil War: खत अरबी भाषा में लिखा गया था। खत में जिक्र किया गया था कि कादिर घर पर छुट्टियां मना रहे थे लेकिन अचानक युद्ध छिड़ जाने के बाद उन्हें जाना पड़ा था।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में इस पोस्ट पर किस तरह टू राजपूताना ब्रिगेड ने कब्जा किया था इसका जिक्र किया है।

सेना दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में परेड निकाली जाती है, जिसकी सलामी थल सेनाध्यक्ष लेते हैं।

भारतीय वा​​युसेना (Indian Air Force) के विमान सी-17 कोरोना से लड़ रहे लोगों की मदद के लिए विदेशों से ऑक्सीजन दवाइयां और कोरोना से राहत दिलाने वाले बाकी सामान लाने में जुटे हुए हैं।

यह भी पढ़ें