Indian Army

एक सूत्र ने बताया कि हॉस्पिटल को पहले जितनी आपूर्ति मिल रही थी, उसका लगभग 50 फीसदी कम कर दिया गया है। वहीं दूसरे सूत्र ने बताया कि घबराने की कोई बात नहीं है

भारतीय सेना (Indian Army) ने जनता का उत्साह बढ़ाने के लिए और लोगों को डर से लड़ने की प्रेरणा देने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट पर एक कविता पोस्ट की है

पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान सेना ने कल यानी 3 मई जम्मू कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में सीजफायर (Ceasefire) तोड़ा है।

War of 1965: पाक के पास पैटन टैंक थे जबकि भारत के पास पुराने। असल उत्तर की जंग में पाक के 97 टैंक नष्ट हुए जिनमें 72 पैटन थे। भारत के केवल 30 टैंक ही युद्ध में नष्ट हुए।

सेना ने इस युद्ध में ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसके चलते सिर्फ 13 दिन में ही यह जंग खत्म हो गई थी। इस जंग में 91000 पाक युद्धबंदी कैद कर भारत लाए गए थे।

कोरोना के बढ़ते मामलों का असर हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। अब सेना (INDIAN ARMY) और वायुसेना (IAF) पर भी इसका असर दिख रहा है।

आरएसपुरा के एक अग्रिम गांव कोरोटाना के युवा किसान रोहित चौधरी का कहना है कि पाकिस्तान (Pakistan) की कथनी और करनी में हमेशा से विरोधाभास रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा‚ “को–जीत में ‘को' का अर्थ तीनों सेनाओं के सह कर्मियों से है जो आखिरकार कोरोना वायरस (Covid19) पर ‘जीत' (विजय) प्राप्त कर लेंगे।

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने केंद्र से आग्रह किया है कि अगर सेना (Indian Army) 10 हजार बेड के साथ कोरोना रोगियों के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाए तो वह आभारी होगी।

भारतीय सेना (Indian Army) हमेशा अपने देश की रक्षा के लिए अलर्ट रहती है। और अब कोरोना की महामारी से निपटने के लिए भारतीय सेना के रिटायर्ड डॉक्टर्स मैदान में उतरे हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) ने जनता का उत्साह बढ़ाने के लिए और लोगों को डर से लड़ने की प्रेरणा देने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट पर एक कविता पोस्ट की है।

Indian Army हमेशा अपने देश की रक्षा के लिए अलर्ट रहती है। ऐसे में कोरोना महामारी से निपटने के लिए अब सेना के रिटायर्ड डॉक्टर्स मैदान में उतरे हैं।

Major Dhondiyal की पत्नी नीतिका ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी थी। लेकिन बीते साल ही नीतिका ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की परीक्षा पास कर ली।

War of 1965: पाकिस्तान का यह सोचना कि भारत 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध में उतरकर हार चुका है। ऐसे में भारतीय सेना हर तरफ से कमजोर है। ये भूल उसे भारी पड़ी।

सिर्फ 910 किलो मीटर के क्षेत्र को ही पाकिस्तान को सौंपा गया था। 30 जून 1965 को कच्छ सिंध समझौता के तहत ये जमीन पाक को सौंपी गई तो उसके तेवर और बढ़ गए।

War of 1971: वाइस एयर मार्शल चंदन सिंह राठौड़ वे शख्स थे जिन्होंने सेना की दो कंपनियों को एक रात में ही मेघना नदी के पार उतार कर इतिहास रच दिया था।

Kargil War: दो सैनिक एक हथियार को अपने-अपने कंधे पर ढोते थे। हथियार ढोना इतना आसान भी नहीं था क्योंकि कारगिल की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी रहती है।

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