Kargil War: …जब Indian Army से डरकर पाकिस्तान ने लगाई अमेरिका से गुहार, मिला ये जवाब
कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़कर पाकिस्तान (Pakistan) को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन साथ ही साथ अमेरिका (America) ने भी उसका साथ देने से साफ इनकार कर दिया था।
‘ताउते’ से मची तबाही के बाद Indian Army का राहत और बचाव अभियान जारी, देखें PHOTOS
चक्रवाती तूफान ताउते (Cyclone Tauktae) ने भारी तबाही मचाई है। इसका असर मुंबई और उसके आसपास के इलाकों सहित गुजरात में देखने को मिला है। तूफान से प्रभवित इलाकों में भारतीय सेना (Indian Army) लगातार लोगों की मदद कर कही है। सेना का राहत और बचाव अभियान जारी है।
युद्ध में टैंकों की होती है बेहद खास अहमियत, कई टैंक मिलाकर एक बख्तरबंद मोर्चा हो जाता है तैयार
टैंक एक तरह की बख्तरबंद लड़ाकू गाड़ी होती है। जिसे फ्रंट-लाइन से निपटने के लिए डिजाइन किया जाता है। टैंकों पर आम गोला बारूद का कोई खास असर नहीं होता।
1971 की जंग: इन वजहों से शुरू हुई थी भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी
पूर्वी पाकिस्तान (Pakistan) में रेप, लूट, हत्याएं होने लगी तो लोग भारत में शरणार्थी बनकर पश्चिम बंगाल, असम में आकर बसने लगे थे। एक करोड़ से ज्यादा पूर्वी पाकिस्तान के लोग भारत में घुस चुके थे।
Kargil War: इन हथियारों की जीत में रही अहम भूमिका, दुश्मनों को कर दिया था चारों खाने चित्त
बोफोर्स का युद्ध में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया था। करीब दो महीने चले इस युद्ध में 27 किलोमीटर तक गोले दागने वाली बोफोर्स तोपों को बखूबी इस्तेमाल हुआ।
Kargil War: शहीद सतबीर सिंह की शहादत से प्रेरणा लेकर बेटा भी सेना में हुआ भर्ती, जानें आखिरी पत्र में क्या कहा था
शहीद सतबीर सिंह ने शहादत से महज 15 दिन पहले ही अपनी पत्नी को खत लिखा था। खत में उन्होंने गेहूं कटाई शुरू होने से पहले आने की बात कही थी।
Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना में भर्ती होने का सुनहरा मौका, जानें आवेदन की आखिरी तारीख
Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना (Indian Army) ने आर्मी डेंटल कॉर्प्स में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के पदों पर भर्ती निकाली है।
जम्मू-कश्मीर: बर्फबारी में फंसे परिवार को 11 हजार फीट ऊपर सेना ने पहुंचाई मदद, 24 घंटे की कड़ी मेहनत
जवानों ने 11 हजार फुट की ऊंचाई पर नागिनसुर पर्वतीय क्षेत्र में फंसे खानाबदोश बकरवाल समुदाय के एक परिवार को मदद पहुंचाई।
Kargil War: बच्चे के जन्म पर छुट्टी लेकर घर जाने वाले थे सुखबीर सिंह, उससे पहले ही हो गए देश पर कुर्बान
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे एक-एक जवान ने भारत मां की रक्षा की थी। युद्ध में कई जवान घायल हुए तो कुछ ने शहादत दी।
सेना की उत्तरी कमान: चीन-पाक की हर साजिश को करता है नाकाम, मुसीबत में फंसे लोगों के लिए है देवदूत के समान
सेना (Indian Army) के डॉक्टर भी इस महामारी से लड़ने में लगे हुए हैं। 2014 में जब घाटी में पहली बार बाढ़ आई थी तब भी सेना ने बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था और उन्हें खाद्य सामग्री आदि की भी मदद की थी।
Kargil War: सबसे ज्यादा बहादुरी सम्मान पाने वाली बटालियन के अधिकारी थे ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर
चुनौतियों को दरकिनार कर कई जवान दुश्मनों के कैंप में घुसने में सफल हुए थे। इनमें से एक जवान थे ब्रिगेडियर खुशाल सिंह। उन्होंने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था।
साल 1962 युद्ध के बाद 1975 में LAC पर हुई थी फायरिंग, जानें चीन क्यों है हमारे लिए खतरा
1962 के खूनी संघर्ष के 13 साल बाद भी चीन ने हमारे खिलाफ हथियार उठा लिए थे। युद्ध के बाद 1975 पर एलएसी पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे।
Kargil War 1999: पाक सेना ने की थी लंबी लड़ाई की तैयारी, फिर भी मिली पटखनी
पाक सेना भारी मात्रा में रसद साथ लाई थी, यानी वे लंबा चलने वाले युद्ध के लिए तैयार थे। पाक ने कारगिल के इलाके में अपने कई एडवांस हथियार भी तैनात किए थे।
Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना में जाने का सुनहरा मौका, ऐसे करें अप्लाई
Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना (Indian Army) में जाने का अवसर है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने सेना डेंटल कॉर्प्स 2021 के तहत इन विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे हैं।
Indian Army Recruitment: सेना में भर्ती होने का बड़ा मौका, रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ, ये है प्रोसेस
Indian Army Recruitment: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 27 जून 2021 तक किए जा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर जाएं।
इस जवान ने 1999 में पाकिस्तान बॉर्डर पर बिछाई थी 52 किलोमीटर लंबी बारूदी सुरंग, पेश की थी बहादुरी की मिसाल
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार मिली थी। युद्ध में एक-एक जवान के प्रदर्शन की अहमियत होती है। एक-एक जवान जीत की इबारत लिखता है।
‘दुनिया में न रहूं तो अंतिम संस्कार युद्ध के मैदान पर ही करना’, ‘परमवीर चक्र’ कर्नल तारापोर ने शहादत से पहले कही थे ये बात
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में युद्ध लड़ा गया था। इसे सबसे बड़े टैंक युद्ध में से एक माना जाता है। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से धूल चटाई थी।