Indian Army

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़ी गई जंग (War of 1965) बेहद ही खौफनाक थी। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दिया था।

हमारे जवानों ने बेहद ही बहादुरी के साथ लैंड माइन्स को पूरा का पूरा साफ करवाकर ही दम लिया था। दरअसल इन माइन्स को हटाना इसलिए जरूरी था।

Indian Army: दुनिया के सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तापमान माइनस 40 से 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। आम इंसान का यहां जीना मुश्किल होता है।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान देश में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। बाढ़, भकूंप, बादल फटने की त्रासदी या चक्रवात से हुए नुकसान के बाद ये जवान जीवन रक्षक के रूप में सामने आते हैं।

अवंतीपोरा पुलिस ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। जवानों ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया साथ ही आतंकियों (Militants) के 7 सहयोगियों को भी हिरासत में लिया है। 

पाकिस्तान के घुटने टेकने के बाद कर्नल अशोक तारा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि उन्हें बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की पत्नी और उनके परिवार को बचाना है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के बीच लड़ा गया युद्ध (War of 1971) इंडियन आर्मी (Indian Army) की शौर्यगाथा को बयां करता है। इस युद्ध में हमारी सेना ने पाकिस्तान को तहस-नहस कर दिया था।

सेना (Army) में जाने के इच्छुक युवाओं को काफी पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है। इसमें फिजिकल टेस्ट के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी होती है। परीक्षा में जनरल नॉलेज विषय में जैसे, इतिहास, खेल, अर्थवयवस्था और विज्ञान से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

Indian Army Recruitment: भारतीय सेना में नौकरी करने का सपना हर देशप्रेमी देखता है। अगर आप भी भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो एक बड़ा मौका है।

रसायन लेकर जा रहे एक श्रीलंकाई मालवाहक जहाज (Shri Lankan Cargo Ship) में आग लगने के सात दिन बाद भी उसे बुझाने के लिए मशक्कत जारी है। अब इस मालवाहक जहाज पर लगी आग को बुझाने में भारतीय सेना (Indian Army) जुट गई है।

युद्ध में जीत के लिए सैन्य बल के अलावा अन्य कई कारक महत्वपूर्ण होते हैं इस युद्ध में भी सभी काम आए। बाकी का काम Indian Army ने कर दिया था।

आजादी के बाद पाकिस्तान हमसे अलग  होने के बाद किसी भी हाल में कश्मीर को अपना बनाना चाहता था। पाकिस्तान के ख्वाहिश आज भी ज्यों की त्यों है।

चक्रवात यास (Cyclone Yaas) 25 मई की शाम को भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। इस बीच भारतीय सेना (Indian Army) की टीमें बचाव और राहत कार्य में जुट गई हैं।

किसी भी काम को तनाव के बीच कैसे जल्दी और परफैक्ट तरीके से किया जा सकता है, भारतीय सेना (Indian Army) इसका ताजा उदाहरण हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 में कश्मीर को लेकर हुए युद्ध में भारतीय सेना का जलवा देखने को मिला था। भारतीत सेना ने युद्ध के मैदान में ऐसा हल्ला बोला था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

खचाखच भरे रेसको  र्स स्टेडियम में ढाका की जनता इस ऐतिहासिक दृश्य को अपनी आंखों से देख रही थी। भारतीय सेना ने मुक्तिवाहिनी के साथ मिलकर पाकिस्तान को हराया था।

Kargil War: गोली लगने के बाद भी मनोज के सिर पर दुश्मनों के खात्मे की धून सवार थी। गोलियों ने उनका पूरा सिर ही उड़ा दिया और वो जमीन पर गिर गए।

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