
पूर्व सैनिक अनुराग लठवाल
Kargil War 1999: अनुराग लठवाल (Anurag Lathwal) ने साल 1999 में पाकिस्तान बॉर्डर पर 52 किलोमीटर लंबी बारूदी सुरंग बिछाई थी। उन्होंने इस युद्ध से जुड़े उन दिनों के अपने अनुभव को साझा किया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार मिली थी। युद्ध में एक-एक जवान के प्रदर्शन की अहमियत होती है। एक-एक जवान जीत की इबारत लिखता है।
ऐसे ही एक जवान पूर्व सैनिक अनुराग लठवाल (Anurag Lathwal) भी रहे हैं। लठवाल ने 1999 में कारगिल युद्ध में फ्रंट पर दुश्मन सेना से लोहा लिया था। उन्होंने 1999 में पाकिस्तान बॉर्डर (Pakistan Border) पर 52 किलोमीटर लंबी बारूदी सुरंग बिछाई थी। उन्होंने इस युद्ध से जुड़े उन दिनों के अपने अनुभव को साझा किया है।
वे बताते हैं, “युद्ध के समय वह सेना में तैनात थे और उनकी पोस्टिंग फिरोजपुर बॉर्डर पर थी, जो भारत के पंजाब राज्य और पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर है।” अनुराग का कहना है कि हमें उस समय अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर (International Border) पर बारूदी सुरंग बिछाने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद मैंने व मेरे साथियों ने वहां पर 52 किलोमीटर लंबी बारूदी सुरंग (Landmines) बिछाई थी। जिसमें एंटी टैंक माइन आदि शामिल था।
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मालूम हो कि इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को बुरी तरह से हराया था। भारतीय सेना (Indian Army) के 527 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे जबकि 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। पाकिस्तान को इससे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा था। पाकिस्तानी सेना ने युद्ध की शुरुआत धोखे के साथ की थी लेकिन उन्हें अंजाम बेहद बुरा नसीब हुआ।
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