कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की सेनाएं सबसे आगे, रक्षा मंत्रालय ने 400 रिटायर्ड डॉक्टरों की ज्वाइनिंग का आदेश दिया

रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल और दूसरे विभाग कोविड-19 की लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने में मदद करने के लिए कोविड अस्पतालों की स्थापना की है

Coronavirus

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेबस कर दिया है। अस्पतालों में पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी नहीं है और मौजूदा स्वास्थ्य कर्मी क्षमता से ज्यादा काम कर रहे हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) के 400 रिटायर्ड डॉक्टरों को 11 महीने के लिए की दोबारा भर्ती करने का फैसला किया है।

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सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए 11 महीने के लिए 400 सेवानिवृत्त डॉक्टरों की भर्ती करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्रालय ने 2017 और 2019 के बीच रिटायर्ड हुये इन डॉक्टरों को भर्ती करने के लिए एएफएमएस (AFMS) को अनुमति देने का आदेश पारित किया है।

रक्षा मंत्रालय के सशस्त्र बल और दूसरे विभाग इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कोरोना वायरस (Coronavirus) मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने में मदद करने के लिए कोविड अस्पतालों की स्थापना की है, ऑक्सीजन उत्पादन में वृद्धि की है, स्वास्थ्य कर्मियों और ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया है और राज्य सरकारों के साथ संपर्क किया है।

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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन चिकित्सा अधिकारियों को एक निश्चित एकमुश्त मासिक राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसकी गणना रिटायरमेंट के समय मिली सैलरी से मूल पेंशन में कटौती करके की जाएगी।

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