कारगिल युद्ध: वे जवान जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भस्म किया और फिर खुद तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे

कुछ जवान ऐसे थे जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया और जंग के मैदान में ही शहादत दे दी। इस युद्ध में कई ऐसे जवान थे जिन्होंने शहादत दी।

Kargil War

File Photo

Kargil War 1999: कुछ जवान ऐसे थे जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया और जंग के मैदान में ही शहादत दे दी। इस युद्ध में कई ऐसे जवान थे जिन्होंने शहादत दी और फिर इनके पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने बुरी तरह से हराया था। खुद को जीत का बड़ा दावेदार मानने वाला पाकिस्तान हमारे वीर सैनिकों के आगे कहीं भी टिक नहीं सका था। पाकिस्तान के खिलाफ हमारे एक-एक जवान ने अदम्य साहस का परिचय दिया था।

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वहीं कुछ जवान ऐसे थे जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया और जंग के मैदान में ही शहादत दे दी। इस युद्ध में कई ऐसे जवान थे जिन्होंने शहादत दी और फिर इनके पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे थे। आइए जानते हैं वे कौन से जवान थे जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था और जिनकी बहादुरी की मिसाल आज भी दी जाती है।

1. अनुज नायर: कैप्टन अनुज नायर की वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं। इस जवान ने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर देश का सम्मान बनाए रखा। इन्होंने खतरों से खेलकर और गोलियां खाकर दुश्मनों को कश्मीर से खदेड़ा था। वह जाट रेजीमेंट से जुड़े थे और महज 24 साल की उम्र में शहीद हो गए थे। शहादत के बाद उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था।

2. मेजर राजेश सिंह अधिकारी: वे दुश्मनों को पीठ दिखाकर भागे नहीं बल्कि छाती पर गोली खाना ज्यादा बेहतर समझा था। उत्तराखंड के नैनीताल में जन्मे वीर योद्धा मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। 30 मई 1999 में कारगिल हिल पर लड़ाई के दौरान वे शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

3. मनोज कुमार पांडे: 1/11 गोरखा राइफल्स ग्रेनेडियर मनोज कुमार पांडे ने युद्ध में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 11 जून को बटालिक सेक्टर में दुश्मनों को करारी मात दी थी। 3 जुलाई 1999 को उन्होंने जंग के मैदान में शहादत दी थी। पांडेय को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

4. कैप्टन विक्रम बत्रा: बत्रा की शहादत को आज भी याद किया जाता है। उन्हें शहादत प्राप्त किए 21 साल बीत गए हैं। युद्ध के दौरान  7 जुलाई को दुश्मनों से मोर्चा लेते हुए विक्रम बत्रा शहीद हो गए थे। 

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