Kargil War: युद्ध से जुड़ी वो बातें जो आपको जाननी चाहिए, पाकिस्तान ने ऐसे दिया था धोखा

युद्ध ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया था लिहाजा दुश्मन को हराने के लिए वायु सेना का बखूबी इस्तेमाल किया गया। मिग-27 से कब्जे वाले इलाकों पर बम गिराए गए थे।

Kargil War

Kargil War: कारगिल युद्ध ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया था लिहाजा दुश्मन को हराने के लिए वायुसेना का बखूबी इस्तेमाल किया गया। अक्सर युद्ध की स्थिति में वायुसेना की भूमिका अहम हो जाती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। ये युद्ध भारतीय सेना (Indian Army) ने जीता था। पाकिस्तान को युद्ध में भारी नुकसान हुआ था। पाकिस्तान भारत पर जब-जब बुरी नजर डालता है हमारी सेना उसे नेस्तनाबुद कर देती है। कारगिल युद्ध से जुड़ी कई ऐसी महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें हर एक देशवासी को जानना चाहिए। यहां जानें कि पाकिस्तान ने इस युद्ध में किस तरह की धोखेबाजी की और भारतीय सेना ने कैसे जवाब दिया।

दरअसल, पाकिस्तान ने भारत-पाक सीमा से सटे कारगिल क्षेत्रों में सर्दियों कड़ाके की ठंड पड़ती है। दोनों देश हमेशा की तरह इस दौरान अपनी सेनाएं पीछे हटा लेते हैं। पर 1999 में भारत ने तो ऐसा किया पर पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। पाकिस्तान इस हरकत का ही हमारी सेना माकुल जवाब दिया और उसे हर जगह से खदेड़ा था।

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कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। ये युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया। कारगिल युद्ध (Kargil War)  ऊंची पहाड़ियों पर लड़ा गया था लिहाजा दुश्मन को हराने के लिए वायुसेना का बखूबी इस्तेमाल किया गया। अक्सर युद्ध की स्थिति में वायुसेना की भूमिका अहम हो जाती है।

एयरफोर्स की भी इस युद्ध में अहम भूमिका रही थी। मिग-27 और मिग-29 के जरिए पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों पर बम गिराए गए थे। 1999 में करीब दो महीने चले इस युद्ध में 27 किलोमीटर तक गोले दागने वाली बोफोर्स तोपों को बखूबी इस्तेमाल किया गया था। इसका बैरल 70 डिग्री तक घूम सकता है।

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युद्ध में तोपखाने से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे। 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों ने रोज करीब 5,000 बम फायर किए थे। भारत के लिए ये युद्ध (Kargil War) लड़ना बेहद मुश्किल था क्योंकि पाकिस्तानी सेना ऊंचाई पर थी जबकि भारतीय सेना को चढ़ाई करते हुए पाकिस्तानी पोस्ट में जाकर सैनिकों को ढेर करना था।

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लेकिन भारतीय सैनिकों की शहादत के बावजूद पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों को उनसे छीन लिया गया। सेना के जवानों ने एक मौके पर रात के अंधेरे में ही पाकिस्तानी सीमा में करीब 800 मीटर घुसकर हथियार और रसद भंडार उड़ाने के साथ ही कई पोस्ट तबाह करके टाइगर हिल पर फतह का रास्ता साफ किया था।

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