शहीद मूलाराम बिडियासर: कारगिल युद्ध में दुश्मनों ने किए कई जुल्म, फिर भी देश के लिए आखिरी सांस तक लड़े

Kargil War: मूलाराम बिडियासर समेत अन्य 4 जवानों के शरीर को दुश्मनों ने सिगरेटों से दागा था। उनके नाक, कान और होंठ काटे गऐ थे, उंगलियां काटी गईं थीं।

Kargil War

Kargil War: मूलाराम बिडियासर समेत अन्य 4 जवानों के शरीर को दुश्मनों ने सिगरेटों से दागा था। उनके नाक, कान और होंठ काटे गऐ थे, उंगलियां काटी गईं थीं और लगभग सारे दांत और हड्डियां तोड़ दी गईं थीं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े कारगिल युद्ध के दौरान नागौर जिले के कठौती गांव के वीर सपूत मूलाराम बिडियासर ने अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तानी सेना ने उनका अपहरण कर लिया था लेकिन उन्होंने बर्बरता और अमानवीय अत्याचार के बावजूद मुंह नहीं खोला। पाकिस्तान ने उन्हें मार दिया था। इस जवान की शहादत को आज हर कोई याद करता है।

दरअसल युद्ध के दौरान बिडियासर उन पांच जवानों में शामिल थे जिनका 15 मई 1999 को कश्मीर की बजरंग पोस्ट पर पेट्रोलिंग के दौरान अपहरण कर लिया गया था। पहले से सुसज्जित बंकरों में घात लगाये बैठे घुसपैठियों ने घात लगा कर हमला किया था, इस दौरान भीषण मुठभेड़ हुई थी।

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गोलियां खत्म होने पर दुर्भाग्य से इन सभी सैनिकों को पाकिस्तानी सेना ने जिंदा पकड़ लिया था। इस टीम को कैप्टन सौरभ कालिया लीड कर रहे थे। नागौर जिले के जायल तहसील के छोटे से गांव कठौती में रहने वाले इस शहीद के बहादुरी के चर्चे आज भी होते हैं। मूलाराम बिडियासर समेत अन्य चार जवानों के शरीर को दुश्मनों ने सिगरेटों से दागा था। नाक, कान और होंठ काटे गऐ थे, ऊंगलियां काटी गईं थीं और लगभग सारे दांत और हड्डियां तोड़े गए थे।

जवान 22 दिनों तक पाकिस्तानी सेना की कैद में रहे और 9 जून 1999 को पाकिस्तानी सेना द्वारा उनके शव को सौंपा गया। शवों के साथ ऐसी बर्बरती की गई थी, जिससे हर भारतीय का खून खौल उठा। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने अलग-अलग ऑपरेशन लॉन्च किए, जिसमें पाकिस्तानी सैनिक लगातार ढेर होते गए।

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