लद्दाख में भारतीय सेना का जवान शहीद, 3 साल पहले हुई थी शादी, एक साल से नहीं आए थे घर
Gopalbabu Shukla मूल रूप से यूपी के कन्नौज के रहने वाले थे। परिजनों का कहना है कि सेना ने उन्हें अभी ये जानकारी नहीं दी है कि गोपालबाबू कैसे शहीद हुए।
नागपुर के रहने वाले ASI उमराव नरेश कश्मीर में हुए शहीद, बाइक सवार आतंकियों ने मारी गोली
Badole Umrao Naresh मूल रूप से नागपुर के रहने वाले थे। एक सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार आतंकी ने बांदीपोरा, चदूरा में CRPF पर हमला किया।
‘जैसे ही गोली लगी मेरा उत्साह दोगुना हो गया’, जानें पूरी कहानी कारगिल योद्धा की जुबानी
सेना नायक के पद से रिटायर होने वाले भरत सिंह के मुताबिक वह सर्चिंग ड्यूटी में थे तभी फायरिंग हो गई थी। गोली लगने पर मुझे मेडिकल स्टाफ ने संभाला।
1965 का युद्ध एक सड़क की वजह से शुरू हुआ था! पाकिस्तान ने 18 मील लंबी एक कच्ची सड़क बना ली थी
Pakistan के रोड बनाने के चलते कच्छ के रण में झड़पें शुरू हो गई थीं। शुरू में तो इनमें केवल सीमा सुरक्षा बल ही शामिल थे, बाद में सेना भी शामिल हो गई।
1965 का युद्ध: माता तनोट मंदिर के पास पाकिस्तान ने गिराए थे 3 हजार बम! मां के सामने सभी हो गए थे बेअसर
Tanot Mata Mandir सेना के लिए आस्था के प्रतीकों में से एक है। जवान आज भी इस मंदिर का रख-रखाव खुद ही करते हैं। मंदिर का रख-रखाव सीमा सुरक्षा बल के जिम्मे है।
CRPF के जांबाज राहुल माथुर: सीने पर लगी थी गोली पर आतंकियों को नहीं छोड़ा जिंदा
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के डिप्टी कमांडेंट राहुल माथुर (Rahul Mathur) बहादुरी की जीती-जागती मिसाल हैं। राहुल के सीने और पेट में आतंकियों की गोली लगी थी।
1965 का युद्ध: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने रची थी कश्मीर हड़पने की साजिश, जानें पूरा मामला
Indian Army: दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैटन टैंक के साथ किया गया था।
1971 के युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने सेना को किया था लीड, पाकिस्तान को दिया था बड़ा सदमा
पाकिस्तान आजादी के बाद से अबतक भारत के साथ विश्वासघात करता आया है लेकिन हर बार नुकसान झेलकर वापस लौटा है। ऐसा ही 1971 में भी हुआ था।
मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने छुड़ा दिए थे दुश्मनों के छक्के, ऐसी थी कारगिल के इस वीर सपूत की शौर्यगाथा
उत्तराखंड के नैनीताल में जन्में वीर योद्धा मेजर राजेश सिंह अधिकारी ने अपनी दिलेरी का परिचय देते हुए मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी।
शहीद होने से पहले इस ‘स्टील मैन’ ने हजारों जिंदगियां बचाईं, 256 बमों को अकेले ही किया था डिफ्यूज
सिपाही नरेंद्र सिंह चौधरी (Narendra Singh Chaudhary) अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन लोग आज भी उनकी बहादुरी के किस्से याद करते हैं।
ITBP के इस हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों को मिल रही नई जिंदगी, अब तक नहीं हुई किसी की मौत
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) सरहद पर निगेहबानी तो करती ही है, साथ ही देश की जनता की हर संभव मदद के लिए भी तत्पर रहती है। कोरोना काल में इस बल के जवानों ने लोगों के लिए संकट मोचन बनकर काम किया।
मेजर परमेश्वरन जयंती: भारतीय सेना का शूरवीर, गोली लगने के बावजूद दुश्मन की बंदूक छीन उसे किया ढेर, मरणोपरांत मिला ‘परमवीर चक्र’
25 नवंबर 1987 को 'ऑपरेशन पवन' के दौरान जब महार रेजिमेंट की आठवीं बटालियन के मेजर रामास्वामी परमेश्वरन (Major Ramaswamy Parameswaran) श्रीलंका में एक तलाशी अभियान से लौट रहे थे।
भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए 26 साल के अतर राणा, घर में कोई नहीं है कमाने वाला
हिमाचल प्रदेश के शिमला (Shimla) के चौपाल उपमंडल की कुपवीं तहसील के अतर राणा (Atar Rana) देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए। वह LAC पर तैनात थे।
अमेरिकी टैंकों को तबाह कर पाकिस्तानी सेना को चटाई धूल, पढ़ें वीर अब्दुल हमीद की बहादुरी के दिलचस्प किस्से
वीर अब्दुल हमीद (Abdul Hamid) भारत माता के वो वीर सिपाही थे, जिन्होंने अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल जैसे सम्मान प्राप्त किए थे।
1999 का युद्ध: इस जवान ने 5 गोलियां लगने के बावजूद 48 पाक सैनिकों को मार गिराया, काट दी थी मेजर की गर्दन
'मुझे पांच गोलियां भी लगी, फिर भी कुल 48 पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को मार गिराया था। 5 हजार फुट ऊपर पहाड़ियों पर यह लड़ाई लड़ी गई थी।'
नायब रिसालदार मोहम्मद अयूब खान ने कर दिया था दुश्मन सेना को तितर-बितर, पढ़ें इनकी बहादुरी का किस्सा
आज हम भारतीय सेना (Indian Army) के एक और वीर की कहानी आपको बता रहे हैं। उस शूरवीर का नाम है नायब रिसालदार मोहम्मद अयूब खान (Mohammed Ayyub Khan)।
बैटल ऑफ फिल्लौर: सेना के इतिहास की सबसे खतरनाक लड़ाई, 35 KM तक पाक में घुस गए थे वीर
Battle Of Phillaur: अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना (INDIAN ARMY) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।