सच के सिपाही

भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) का इस्तेमाल नहीं किया गया था। नतीजन भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था।

कैप्टन विजयंत थापर को कारगिल के 'हीरो' में शामिल किया जाता है। तोलोलिंग पोस्ट जीत जाने के बाद उन्होंने अपनी मां तृप्ति थापर को फोन किया था।

हेवी वेहिकल फैक्टरी (आवड़ी) में निर्मित विजयंत टैंक में गोलाबारी करने की अपार शक्ति के साथ-साथ चौतरफा घूम फिरकर मार गिराने की क्षमता रखता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़ा गया युद्ध (War of 1971) बेहद ही भीषण माना जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पटखनी दी थी।

दो देशों को बीच सीमा का निर्धारण दो तरह से होता है जिनमें से एक है लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC)  और दूसरा इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) है। एलओसी, पीओके और जम्मू-कश्मीर के बीच की रेखा है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ हथियार उठाने वाली महिला फाइटर्स (Women Fighters) अब आईईडी (IED) भी डिफ्यूज कर रही हैं।

Indian Army Khadag Core: पाकिस्तान सेना के करीब नब्बे हजार जवानों को बंदी बनाकर युद्ध जीतने में इस कोर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह कोर तीन स्ट्राइक कोर में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली थी। बांग्लादेश, पाकिस्तान के अत्याचारों से आजाद हुआ और इसमें भारतीय सेना (Indian Army) की भूमिका को वह आज तक मानता है।

भारत और चीन के बीच इस साल 15 जून की आधी रात को हिंसक झड़प हुई। चीन ने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला किया था। भारतीय सरजमीं में घुसकर चीन ने हमारे सैनिकों पर हमला बोल दिया था। इस हमले में भारतीय सेना (Indian Army) के 20 जवान शहीद हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (Indo-Pak War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर को हड़पने की बहुत बड़ी साजिश रची थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indina Army) ने जबरदस्त पराक्रम दिखाया था। सेना के जवान दुश्मनों पर कहर बनकर बरसे थे और उनकी कमर तोड़ दी थी।

भारत और चीन के बीच साल 1962 में भीषण युद्ध (Indo-China War 1962) लड़ा गया था। चीन ने इस युद्ध में भारत के खिलाफ एकतरफा जीत हासिल की थी। भारत युद्ध से पहले चीन को अपना करीबी दोस्त समझ रहा था, लेकिन वह दुश्मन निकला।

शहीद जवानों का नाम शैलेंद्र प्रताप सिंह और धीरेंद्र त्रिपाठी है। शैलेंद्र मूल रूप से यूपी के रहने वाले थे और धीरेंद्र त्रिपाठी मूल रूप से एमपी के थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (India-Pakistan War) लड़ा गया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया गया था, जिसे यादकर वह आज भी डरता होगा।

India Pakistan War 1948: आजादी के तुरंत बाद ही पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए 1948 में नापाक साजिश रची जिसे सेना ने बुरी तरह से विफल कर दिया।

गलवान झड़प के शहीदों को समर्पित ये स्मारक (War Memorial) श्योक-दौलत बेग ओल्डी रास्ते पर निर्मित है। जहां पर भारतीय सेना के सभी 20 शहीद जवानों के नाम अंकित हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 का कारगिल युद्ध (Kargil War) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की अहमियत को बताता है। वायुसेना ने इस युद्ध में अपने घातक विमानों के जरिए दिखा दिया था कि दुश्मनों को कैसे ढेर किया जाता है।

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