गिरफ्तार आतंकी सहयोगियों के पास चीनी हैंडग्रेनेड और अन्य सामान बरामद हुआ है। शुरुआती जांच से पता चला है कि ये सभी जिले में सक्रिय आतंकियों को मोबाइल सिम कार्ड, रसद व अन्य स्थानीय मदद दिया करते थे।  

पुलिस ने बुधवार को चित्तौड़गढ के निंबाहेड़ा से एक कार में सवार तीन संदिग्ध आतंकियों (Terrorists) को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 12 किलो आरडीएक्स बरामद किया था।

गिरफ्तार महिला ने सीआरपीएफ (CRPF) के बंकर पर पेट्रोल बम फेंका था। इस हमले में एक सीआरपीएफ व एक पुलिस जवान घायल हो गये। बताते चलें कि हमलावर के खिलाफ यूएपीए के तहत तीन मामले दर्ज हैं।

नक्सली बुधु को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले कई दिनों ने दबिश बनाये हुई थी। लेकिन हर बार उसके साथी तो पुलिस की पकड़ में आ जाते थे लेकिन ये घने जंगलों का फायदा उठाकर दो-तीन बार फरार हो चुका है।

जांच के दौरान इन तीनों आरोपियों (Three Suspects) के पास से आठ किलो आरडीएक्स के साथ टाइमर व बम बनाने का सामान बरामद किया है।

मारे गये आतंकियों (Terrorists) की पहचान ईस अहमद भट पुत्र अब्दुल हमीद भट निवासी शाहबाद वीरी बिजबेहाड़ा और हिलाल अहमद राह उर्फ शब्बू पुत्र सफीर अहमद राह निवासी बिजबेहाड़ा के तौर पर हुई है।

सुरक्षाबलों ने सोमवार को इंफाल ईस्ट जिले के लाइरेनपेट इलाके से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे आतंकी को तेंगनुपाल जिले के रिंगपाम गांव से पकड़ा गया।

गिरफ्तार नक्सली की पहचान मुन्नीलाल महतो उर्फ धर्मेंद्र पिता रिचक महतो, महेंद्र गंजू उर्फ पल्टा पिता तिताई गंझू और राहुल गंजू उर्फ सोरेन पिता प्रसाद गंझू के रूप में हुई है। 

दोनों नक्सली 2019 में प्रतिबंधित नक्सल संगठन में शामिल हुए थे और वे चेरला में गुरिल्ला दस्ते के लिए काम कर रहे थे। सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों (Naxalites) की उम्र 21 साल है और इनके पास घातक हथियार थे।

जंगल से बरामद सामान में  1 एचई बम, 66 बीजीएल सेल, 3 क्षतिग्रस्त मोर्टार, 25 मीटर कोर्डेक्स वायर, 17 इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर, 5 मीटर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक वायर, 7 एचडी काट्रिज, 12 पैकेट स्टील बाल बेरिंग सहित अन्य विस्फोटक शामिल है। 

विशेष पुलिस अधिकारी इशफाक अहमद की बडगाम में उनके आवास के पास गोली मार कर हत्या का दी थी। इस घटना में उनके भाई उमर जान को भी गोलियां लगी थीं।

घायल महिला को जंगल से निकालकर फौरन भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों की एक टीम गठित कर हमले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों (Naxalites) की तलाश शुरू कर दी गई है।

नक्सली मीठू 2008 में प्लाटून सदस्य क रूप में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था। सितंबर 2009 में वह माड़ डिवीजन के सदस्य रणदेर का गार्ड बना। सितंबर 2016 को सेक्शन बी का कमांडर बनाया गया फिर नवंबर 2018 में 16 नंबर प्लाटून के डिप्टी कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई। 

नक्सली मुर्गी बोदरा की गिरफ्तारी जिला पुलिस बल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि ये नक्सली (Naxalite) कई नक्सली कांडों में शामिल रहा है और यह केन बम लगाने में माहिर माना जाता है।

रैनावारी इलाके में एक नाके पर आतंकियों ने हथगोले से हमला किया, लेकिन यह हथगोला अपने निर्धारित लक्ष्य से चूक गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान मामूली रूप से जख्मी हो गए।

जीड़ाबागु नाले के पास पुलिस टीम पर फायरिंग और ब्लास्ट में इन्ही चारों नक्सलियों का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट तिर्की शहीद हो गये थे।

दो दिन पहले भी कांकेर जिले में ही आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) ने गुमझीर गांव में लगे मेले के दौरान एक नगर सेना के जवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी भी जांच बड़े पैमाने पर चल रही है।  

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