वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट (Budget 2019) पेश हो चुका है। हर साल की तरह इस बार भी...

कहानी एक ऐसे शख्स की जो पहले नक्सली था, वर्दी देखते ही उसका खून खौल उठता था। वर्दी के चिथड़े उड़ाना उसका पेशा था। आज वो पुलिस की वर्दी सिलता है।

दो साल पहले तक वह एक खूंखार नक्सली था, जिसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। माओवादियों के दल में ऊंची रैंक पर था और उनकी विशेष-समिति का सदस्य भी था। पर अब अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने के लिए सिलता है पुलिस की वर्दी।

इनकी सबसे बड़ी कामयाबी स्पेशल एरिया कमेटी के मेंबर अनूप ठाकुर को जिंदा गिरफ्तार करना रहा है। यह इनकी दिलेरी का ही इनाम है कि इनकी जाबांजी के किस्सों को कॉमिक्स में भी उतारा गया है।

नक्सलियों से मुठभेड़ जारी थी कि तभी सूचना मिली, यात्रियों से भरी एक बस गोलीबारी के बीच फंस गयी है। विनोद कुमार अपने जान हथेली पर रख गोलियों के बीच से निकल बस तक पहुंच गए और बस को गोलीबारी के बीच से हटा गांव के लिए सुरक्षित रवाना किया।

स्नूपिंग का रोना रोने वालों के लिए ये जान लेना जरूरी है कि दुनिया के ज्यादातर देशों में स्नूपिंग को लेकर जैसे मानक प्रॉसिजर हैं उसके मुकाबले हमारे कायदे और नियम बहुत कठोर हैं। अमेरिका समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में सरकारी स्तर पर जितनी स्नूपिंग होती है, उसके मुकाबले हम कहीं नहीं टिकते।

नए साल के पहले दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तो घाटी में आतंकी खूनी खेल की तैयारी कर रहे थे। आतंकियों के खूनी मंसूबे का शिकार बने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में स्पेशल पुलिस अधिकारी समीर अहमद।

संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा कहती है भाषा शालीन होनी चाहिए। आपकी भाषा से किसी की मर्यादा को ठेस नहीं पहुंचनी...

खूंखार आतंकी जाकिर मूसा का गिरोह अब खात्मे की कगार पर है। दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके में मूसा गैंग...

शहीद IPS अधिकारी विनोद कुमार चौबे की शौर्य गाथा ये भी पढ़ें:- झारखंड: पलामू से एक लाख का इनामी नक्सली...

झारखंड का लातेहार जिला नक्सली गतिविधियों के कारण हमेशा से चर्चा में रहता है। इसकी भौगोलिक स्थिति भी इसे नक्सलियों की मौजूदगी से पूरी तरह उबरने नहीं दे रही। लेकिन केन्द्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और सरकार के बहुआयामी प्रयास से अब लातेहार का परिदृश्य बहुत हद तक बदलने लगा है।

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