Naxali

सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों का नक्सलियों से आमना-सामना हो गया। जिसके बाद यह मुठभेड़ शुरू हुई। दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ में सुरक्षाबलेों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए।

बिहार के औरंगाबाद की जिला पुलिस, सीआरपीएफ एवं एसटीएफ की टीम ने 19 सितंबर की शाम भाकपा माओवादी के दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार नक्सलियों में सियाराम यादव और पप्पू कुमार यादव शामिल हैं।

झारखंड के सिमडेगा में अदालत ने नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के मामले में प्रतिबंधित पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के तीन नक्सलियों को सजा सुनाई है।

एरिया कमांडर को उसके साथी के साथ बिहार की कैमूर पुलिस ने गिफ्तार किया। दोनों नक्‍सलियों को उत्तरप्रदेश के सोनभद्र से सटे गढ़वा के जंगल से पकड़ा गया।

वृजनंदन ने कहा कि वह 2014 में बहकावे में आकर राह भटक गया था। लेकिन, अब उसे समाज की मुख्य धारा से जुड़ कर अपनी पत्नी व पांच मासूम बच्चों के लिए जीना है।

एसपी अजय लिंडा के मुताबिक, एक गुप्त सूचना के आधार पर रांची के कामड़े से पुलिस ने देववंश को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार नक्सली आठ वारदातों का मुख्य आरोपी है।

नक्सलियों ने इस पत्र में सांसद संतोष पांडेय को धमकी देते हुए लिखा है कि आप आदिवासियों से दूर रहें वरना आपकी हत्या कर दी जाएगी। विकास की बात आप शहरों में जाकर करें।

2011 में मध्य विद्यालय परछा के भवन को बारूदी सुरंग से विस्फोट कर उड़ाने, अमहुआ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ समेत अन्य नक्सली वारदातों में इन नक्सलियों का हाथ रहा है। पुलिस को इनकी तलाश पिछले आठ सालों से थी।

सात साल से फरार नक्सली लोबो सुरीन को छोटानागरा पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 सितंबर को जेल भेज दिया। इस नक्सली को सलाई बाजार से गिरफ्तार किया गया।

कमांडोज फॉर रेलवे सिक्योरिटी (CORAS) इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लॉन्च हुआ है। रेलवे ने बेहतर सुरक्षा और संपत्तियों के संरक्षण के लिए इन कमांडोज को देश के अलग-अलग इलाकों में ट्रेनिंग दी गई है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए फंदा बना रखा था लेकिन कहानी तब पलटी जब वो इस फंदे में खुद ही फंस गए।

छत्तीसगढ़ में नक्सली 8-18 साल के बच्चों को अपने निशाने पर ले रहे हैं। दरअसल अपनी घटती फौज और कम होते प्रभाव को लोगों के बीच जमाने के लिए नक्सलियों को नए लोगों की जरुरत पड़ रही है।

ज्यादा कमाई के लालच में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई इन दिनों अपना चेहरा बदलते जा रहा है तथा जब कभी संगठन को आर्थिक कमजोरी का सामना करना पड़ रहा है तब वो अपना चेहरा और चरित्र बदल रहा है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य से लगभग साफ हो जाने के बाद अब नक्सली महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अपने अस्तित्व को बचाने की जंग में जुटे हैं। एजेंसियों के मुताबिक, नक्सली संगठनों में सर्वोच्च स्तर के चार नेता आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं।

एटीएस के अधिकारी के मुताबिक नक्सली समर्थक संस्थानों के छात्र गुटों के संपर्क में हैं। वह उनके साथ बैठक भी करते हैं। इस दौरान वह छात्रों को भड़काने का प्रयास करते हैं, जिससे विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो।

पुलिस-प्रशासन ने उसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। झारखंड के लातेहार जिले के इस 25 लाख के इनामी माओवादी का नाम सुजीत है।

साल 2011 में नक्सली नेता किशनजी की मौत हो गई। इसके बाद नवंबर 2012 में वो नक्सली दस्ते से निकल कर भाग गई। उस वक्त यह महिला किसी तरह पुलिस के सामने सरेंडर करना चाहती थी लेकिन 10 दिसंबर, 2012 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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