Ladakh

Gopalbabu Shukla मूल रूप से यूपी के कन्नौज के रहने वाले थे। परिजनों का कहना है कि सेना ने उन्हें अभी ये जानकारी नहीं दी है कि गोपालबाबू कैसे शहीद हुए।

India China Tension: लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस तनाव को दूर करने के लिए आज भारत और चीन के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी।

India China Clash: लद्दाख में एक ऐसा परिवार भी है, जिसके दोनों बेटे भारत-चीन सीमा पर तैनात हैं। इन जवानों के पिता खुद को खुशनसीब मानते हैं।

मेजर दीक्षांत थापा (Dikshant Thapa) भारतीय सेना के मेकेनिकल विंग सिक्स मैक के 140 रेजीमेंट के अधिकारी थे। वह 4 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।

चीन (China) और भारत का पहले से ही विवाद चल रहा है और अब 29-30 अगस्‍त की रात को एक बार फिर पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच झड़प हुई है।

लेह लद्दाख में तैनात मनोज कुमार (Manoj Kumar) गुरुवार को शहीद हो गए। बताया जाता है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया।

चीन ने कहा है कि दोनों देशों को साथ में आगे बढ़ना चाहिए और एक-दूसरे पर शक नहीं करना चाहिए।

Indian Army Chief ने कहा कि चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए आक्रामक रुख अपनाया जाए। जब तक विवाद का संतोषजनक हल नहीं आता, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाए।

2 अगस्त को भारत और चीन (India-China) के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी।

गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसी बात को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून की रात झड़प हो गई।

ग्रामीणों का दावा है कि बीते 2 महीने में चीन ने सीमा के करीब 20 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया है।

चीनी विशेषज्ञों की राय तो यही है कि चीन, भारत को लेकर यह धारणा पहले ही बना चुका है कि भारत अब अमेरिका के गुट में है। भारत के निर्गुट रहने से चीन के व्यवहार में कोई अंतर नहीं आने वाला।

लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन (China) ने अपने सैनिकों को गलवान घाटी (Galwan Valley) में कम से कम एक किलोमीटर पीछे किया है।

चीन ने एलएसी के पार अपने सैनिकों की तैनाती में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। चीन की शुरू से यह नीति रही है कि वह भारतीय सीमा में घुसकर थोड़ा पीछे होता है और बाकी की जमीन पर कब्जा कर लेता है।

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प के 18 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी यहां की स्थिति की समीक्षा करने के लिए इस दौरे पर गए हैं।

In a small plot on the outskirts of Leh is an enclosed compound with a dozen odd graves. Those passing by barely notice the compound. There lie some of those killed during the operations. Unsung, they too had helped save Ladhak

भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख के तीन अलग-अलग क्षेत्रों से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पीछे हट गए हैं...

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