Ladakh

हेलिना मिसाइल (Helina Missile) का ट्रायल संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किया गया।

चीन के सैनिकों की यूनिफॉर्म में सामान रखने की सुविधा है‚ जबकि भारतीय सैनिक की यूनिफॉर्म ज्यादा सपाट है इसलिए जरूरत को देखते हुए कॉम्बैट यूनिफॉर्म (combat uniform) डिजाइन की गई है।

L-70 तोपें सभी प्रकार के ड्रोन, फाइटर ड्रोन, फाइटर हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेन को मार गिराने में माहिर हैं। ये तोपें सभी मौसम में काम कर सकती हैं।

चीन की सरकार ने भारत के साथ लगते तिब्बत के हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के हर घर से 18 से 40 वर्ष तक के उम्र के एक व्यक्ति को चीनी मिलिशिया में शामिल होना अनिवार्य कर दिया गया है।

एयर चीफ मार्शल के मुताबिक, भारत अब 3D प्रिंटेड तकनीक की तरफ बढ़ रहा है। ऐशे में नई‚ किफायती और अत्यधिक क्षमता वाली टेक्नोलॉजी में निवेश प्राइवेट कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

चीन (China) के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) की फायर एंड फ्यूरी कोर ने 2 सितंबर को पूर्वी लद्दाख में अपने स्नो लेपर्ड ब्रिगेड का एक एकीकृत युद्धाभ्यास और लाइव-फायर अभ्यास किया।

भारतीय सेना (Indian Army) की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने लद्दाख (Ladakh) के बच्चों के लिए मुफ्त आवासीय कोचिंग शुरू की है।

भारत-चीन (China) के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव अभी पूरी तरह कम नहीं हुआ है। ऐसे में भारतीय सेना की टैंक रेजीमेंट इस क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार है।

सेना की ओर से बताया गया कि दोनों पक्षों के बीच समाधान को लेकर बातचीत जारी है और संबंधित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जा रही है। सीमा पर अब तक हालात सामान्य हैं।

चीनी (China) सैनिक कुछ नागरिकों के साथ लद्दाख के देमचुक क्षेत्र में LAC के पास आ गए और सिंधु नदी के पार से झंडे और बैनर दिखाए।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख की एक अग्रिम चौकी पर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बातचीत के माध्यम से पड़ोसी देशों के साथ विवादों को सुलझाना चाहता है।

नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी ट्विटर (Twitter) का भारत सरकार के साथ टकराव चल रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) 3 दिन के दौरे पर रविवार सुबह लद्दाख पहुंचे हैं। इस दौरान वह लेह-लद्दाख सीमा क्षेत्र पर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे।

युद्ध के 50 साल बाद भी इस गांव के लोग अपने लोगों से नहीं मिल पाए हैं, क्योंकि कब्जे के बाद पाक में रहने वाले और इन गांव में रहने वाले लोगों का संपर्क समाप्त हो गया।

चीन के एक रिटायर वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने सुझाव दिया कि टकराव से बचने के लिए दोनों पक्षों को विश्वास बहाली पर पूर्व में बनी सहमति पर फिर से आगे बढ़ना चाहिए और कम विवादास्पद उपायों को कार्य में लाना चाहिए।

लद्दाख में भारत ने 50 हजार अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चीनी (China) सेना तिब्बत में युद्धाभ्यास कर रही है।

साल 2020 में 45 सालों बाद भारत-चीन की सीमा पर जवान शहीद हुए थे। ये देश के इतिहास की एक बड़ी घटना थी। इन वीरों के नाम M-120 पोस्ट पर बनाए गए स्मारक में लिखे हैं।

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