Jharkhand Police

गिरफ्तार नक्सलियों (Naxalites) की पहचान गोविंद मांझी, प्रकाश कुमार दास और उत्तम तिड़ू उर्फ दाऊद के तौर पर हुई है। इनमें से नक्सली गोविंद के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

मारे गए नक्सली लाका पाहन (Naxali Laka Pahan) पर जिला प्रशासन ने पांच लाख रुपये की राशि बतौर इनाम घोषित करने का प्रस्ताव गृह विभाग को हाल ही में भेजा था, जिसपर अभी फैसला लेना बाकी था।

कटकुलोर के जंगलों में छानबीन के दौरान ही सुरक्षाबलों ने पत्थरों के बीच छिपाकर रखे गये 5-5 किलो के तीन आईईडी विस्फोटक को बरामद किया, जिसे मौके पर ही बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया

एसपी मनोज ने आगे बताया कि हालांकि मामला पुलिस की हिरासत में मौत का है ऐसे में नियमानुसार हजारीबाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश से इसकी न्यायिक जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ वर्ष 2014 में जुलाई माह में बंधन उरांव की हत्या का मामला दर्ज है। इस मामले में कोर्ट ने उसके घर की कुर्की के आदेश के साथ हत्यारोपी नक्सली की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश जारी किया था।

घायल महिला की पहचान ललिता देवी पति राजू खेरवार निवासी नरेशगढ़ गांव के तौर पर हुई है। इस घटना की सूचना पाते ही लातेहार सदर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फौरन घायल महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

नक्सलियों (Naxalites) के पास से तीन रायफल, देसी कट्टा, रायफल के 30 जिंदा कारतूस, 7.5 किलो लिक्विड जेलेटीन, 2 डेटोनेटर, नक्सली पर्चा, लेवी की रसीद और एक काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई है।

पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की एक संयुक्त टीम बनाकर जंगलों की छानबीन के लिए भेजा गया था। इस दौरान सुरक्षाबलों ने दो लोगों को संदिग्ध स्थिति में पकड़ा।

नक्सली सूरजनाथ (Naxali Surajnath) ने लोहरदगा जिला कार्यालय पर पहुंच कर जिला उपायुक्त डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्णा की मौजूदगी में अपने हथियार सौंप दिये।

खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि नक्सली डागुर सुंडी (Naxali Dagur) टोंटो थाना क्षेत्र के अपने सुंडी साई गांव आने वाला है, जिसके आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर धर दबोचा।

नक्सली बुधु को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले कई दिनों ने दबिश बनाये हुई थी। लेकिन हर बार उसके साथी तो पुलिस की पकड़ में आ जाते थे लेकिन ये घने जंगलों का फायदा उठाकर दो-तीन बार फरार हो चुका है।

गिरफ्तार नक्सली की पहचान मुन्नीलाल महतो उर्फ धर्मेंद्र पिता रिचक महतो, महेंद्र गंजू उर्फ पल्टा पिता तिताई गंझू और राहुल गंजू उर्फ सोरेन पिता प्रसाद गंझू के रूप में हुई है। 

मारे गये तीन नक्सलियों में से दो की पहचान टीएसपीसी के जोनल कमांडर जितेंद्र यादव और चंचल सिंह के तौर पर की गई है लेकिन तीसरे नक्सली की अभी पहचान नहीं हो पाई है। 

नक्सली मुर्गी बोदरा की गिरफ्तारी जिला पुलिस बल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि ये नक्सली (Naxalite) कई नक्सली कांडों में शामिल रहा है और यह केन बम लगाने में माहिर माना जाता है।

पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि जिले के कामडारा थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले टुरूंडू गांव में प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई का एक कुख्यात नक्सली अपने गांव टुरूंडू सरनाटोली से बाहर देखा गया है।

पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा के मुताबिक, रविवार को हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से हथियार भी बरामद किए गए थे। इस दौरान सुरक्षाबलों को घटनास्थल से चूड़ियों के टूकड़े भी मिली हैं।

नक्सली उमेश पिछले कई सालों से नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले बूढ़ापहाड़ के इलाके में सक्रिय था। इसके खिलाफ कई थानों में लूट, हत्या का प्रयास, पुलिस टीम पर हमला, निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने सहित दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

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