ग्रेनेड ब्लास्ट में राजस्थान का जवान शहीद, दो बेटों को छोड़ गया पीछे
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के तंगधार में ग्रेनेड ब्लास्ट में राजस्थान (Rajasthan) के करौली जिले के रहने वाले लाल जोगिंदर सिंह सोलंकी शहीद (Naik Joginder Singh) हो गए
पिता से प्रेरणा लेकर फौज में गया इकलौता बेटा, मातृभूमि के लिए हो गया कुर्बान
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हंदवाड़ा में 3 मई को हुई मुठभेड़ में सेना के 2 अधिकारी सहित 5 जवान शहीद हो गए। इन 5 सैनिकों में लांस नायक दिनेश सिंह (Lance Naik Dinesh Singh) भी शामिल हैं।
देश पर न्योछावर हो गया परिवार का सबसे लाड़ला बेटा, शहीद नायक राजेश कुमार को दी गई अंतिम विदाई
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में आतंकवादी मुठभेड़ में शहीद हुए नायक राजेश कुमार (Nayak Rajesh Kumar) को अंतिम विदाई दी गई। मानसा जिले के गांव राजराणा के शहीद नायक राजेश कुमार की पार्थिव देह 4 मई शाम गांव लाया गया।
3 मई को आना था घर, लेकिन उसके पहले ही देश पर कुर्बान हो गए मेजर अनुज सूद
मेजर अनुज सूद (Major Anuj Sood) हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ (Handwara Encounter) में शहीद हो गए। वे हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले थे।
शहीद की पत्नी बोली- ‘आप देश सेवा के लिए बहुत अच्छे से लड़े, अगले जन्म में फिर मिलेंगे’
3 मई को शहीद शंकर सिंह (Martyr Shankar Singh) का शव जैसे ही नाली गांव पहुंचा, शहीद की मां जानकी देवी, पत्नी इंद्रा, पिता मोहन सिंह और 6 साल का बेटा हर्षित बेसुध हो गए। शहीद की पत्नी और मां काफी देर तक शहीद के पार्थिव शरीर के साथ लिपटकर रोती रहीं।
कपड़ों में ग्रेनेड छिपाए आतंकी को पास से मारी थी गोली, शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को मिल चुके हैं कई वीरता पुरस्कार
हंदवाड़ा में हुई मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा (Colonel Ashutosh Sharma) के अलावा मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश भी शहीद हो गए हैं। मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी भी शहीद हुए हैं।
देहरादून के आर्मी संस्थान में तैयार होते हैं भारत के शूरवीर, देखें: “मेकिंग ऑफ ए वॉरियर”
आईएमए (IMA Dehradun) के सामने की ओर चेटवोड हॉल और ड्रिल स्कवायर देखते ही बनते हैं। ग्रीको-रोमन और ब्रिटिश शैली के किंग्सले और कॉलिंस ब्लॉक इसकी भव्यता को और बढ़ा देते हैं।
‘हम दुनिया को दवा दे रहे हैं और पाकिस्तान हमें आतंकी’- आर्मी चीफ
पाकिस्तान है कि इन हालातों में भी अपनी कायराना हरकतों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है। भारतीय सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे (General Manoj Mukund Naravane) ने यह बात कही है।
महंगा पड़ा सीजफायर का उल्लंघन, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में 6 पाकिस्तानी सैनिक ढेर
10 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) की ओर से की गई नापाक हरकत का भारतीय सेना (Indian Army) ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन, केरन सेक्टर में भारी गोलीबारी
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कुपवाड़ा जिले में 10 अप्रैल को पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर संघर्षविराम (Cease Fire) का उल्लंघन किया।
पैराट्रूपर छत्रपाल सिंह ने महज 22 साल की उम्र में कर दी देश पर जान कुर्बान
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के केरन सेक्टर में हुई आतंकी मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में शहीद हुए छत्रपाल सिंह (Martyr Chhatrapal Singh) का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
बालाकोट एयर स्ट्राइक का हीरो हो गया देश पर कुर्बान, 6 महीने बाद होनेवाली थी शादी
शहीद अमित अण्थवाल (Martyr Amit Anthwal) को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। सेना के वाहन से शहीद अमित अण्थवाल का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया।
बेटे को ताबुत में देख पिता हो गए बेसुध, मुठभेड़ पर जाने के घंटे भर पहले ही की थी बात
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के केरन सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में उत्तराखंड के जवान हवलदार देवेंद्र सिंह (Martyr Devendra Singh) शहीद हो गए।
जम्मू-कश्मीर: परिवार का एकमात्र सहारा थे हिमाचल के शहीद सूबेदार संजीव कुमार
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के केरन सेक्टर में आतंकवादियों से मुठभेड़ (Terrorist Encounter) में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं के देहरा गांव के सूबेदार संजीव कुमार (43) भी शहीद हो गए।
बेटे के शहीद होने की खबर रात भर सीने में दबा ली, पार्थिव शरीर देख परिजनों के निकले आंसू
हम बात कर रहे हैं बीते 5 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में शहीद हुए बालकृष्ण की। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के पुईद गांव के रहने वाले बालकृष्ण भारतीय सेना में पैराट्रूपर थे।
70 सालों से विश्व शांति के लिए तैनात हैं इंडियन आर्मी के जवान, जानिए किन विपरित परिस्थितियों में निभाते हैं फर्ज?
भारतीय सेना (Indian Army) की जांबाजी के किस्से तो सबने सुने होंगे। अपनी सरहद की निगहबानी के लिए जान की परवाह ना करने वाले सेना के दिलेर जवान बेगानी सरहदों पर भी किस कदर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं, इसका एक लंबा इतिहास है।
बेगानी सरहदों की हिफाजत करते हैं ये जवान, कहलाते हैं ‘विश्व शांति दूत’
1950 से लेकर अब तक भारतीय सेना के जवानों ने संयुक्त राष्ट्र के कुल 71 शांति मिशन में हिस्सा लिया है। अब तक 10 लाख से ज्यादा भारतीय जवान संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अपने फर्ज को अंजाम दे चुके हैं।