शहीद की पत्नी बोली- ‘आप देश सेवा के लिए बहुत अच्छे से लड़े, अगले जन्म में फिर मिलेंगे’

3 मई को शहीद शंकर सिंह (Martyr Shankar Singh) का शव जैसे ही नाली गांव पहुंचा, शहीद की मां जानकी देवी, पत्नी इंद्रा, पिता मोहन सिंह और 6 साल का बेटा हर्षित बेसुध हो गए। शहीद की पत्नी और मां काफी देर तक शहीद के पार्थिव शरीर के साथ लिपटकर रोती रहीं।

Shankar Singh Uttarakhand Soldier

उरी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में 1 मई को सेना के नायक शंकर सिंह महरा शहीद हो गए।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के उरी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में 1 मई को सेना (Indian Army) के नायक शंकर सिंह महरा शहीद हो गए। शहीद नायक शंकर सिंह महरा (Martyr Shankar Singh) उत्तराखंड के रहने वाले थे। वे 21 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे। 3 मई को शहीद जवान का शव जैसे ही नाली गांव पहुंचा, शहीद की मां जानकी देवी, पत्नी इंद्रा, पिता मोहन सिंह और 6 साल का बेटा हर्षित बेसुध हो गए। शहीद की पत्नी और मां काफी देर तक शहीद के पार्थिव शरीर के साथ लिपटकर रोती रहीं।

‘मां फायरिंग शुरू हो गई है’: शंकर सिंह जब सीमा पर शहीद हुए तो 1 मई की देर शाम को गंगोलीहाट ब्लाक के नाली गांव यह खबर पहुंच गई थी। लेकिन उनकी माता को यह खबर नहीं बताई गई। 2 मई की सुबह जब गांव के लोग वहां पहुंचने लगे तो उन्हें कुछ अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने पूछा कि कहीं उनके शंकर के साथ कुछ हुआ तो नहीं। फिर जब बेटे की शहादत की खबर उन्हें दी गई तो वह गश खाकर गिर पड़ीं। शहीद (Martyr Shankar Singh) ने मां से आखिरी बार बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘मां फायरिंग शुरू हो गई है, अभी फोन रखता हूं, बाद में करूंगा।’ शंकर सिंह महरा के यह अपनी मां से फोन पर कहे गए अंतिम शब्द थे।

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‘अगले जन्म फिर मिलेंगे’: शहीद शंकर सिंह (Martyr Shankar Singh) की पत्नी इंद्रा रोते हुए बोलीं, ‘आप देश की रक्षा के लिए लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। इस बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। अगले जन्म में फिर मिलेंगे।’ पत्नी इंद्रा ने हाथ हिलाकर शहीद पति को अंतिम विदाई दी।

पापा ने कहा था-‘स्वीमिंग पूल बनाऊंगा’: शहीद शंकर सिंह (Martyr Shankar Singh) का 6 साल का मासूम बेटा हर्षित पापा की शहादत की खबर के बाद कई तरह के सवाल पूछ रहा है। शहीद का बेटा अपनी दादी से बोल रहा है कि पापा ने कहा था तेरे लिए घर और स्वीमिंग पूल बनाऊंगा। दादी अब कैसे बनेगा घर और स्वीमिंग पूल। मासूम के इस सवाल पर सुनने वालों के गले भी रुंध गए।

पिता हैं फौज से रिटायर्ड, छोटा भाई भी है सेना में: नायक शंकर सिंह महरा सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से थे। उनके पिता मोहन सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं। शहीद का छोटा भाई नवीन सिंह भी सेना (Indian Army) के राष्ट्रीय रायफल में है और वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात है।

ग्यारह साल पहले सेना में भर्ती हुए थे: शहीद शंकर सिंह (Martyr Shankar Singh) 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे 21 कुमाऊं रेजिमेंट में नायक पद पर जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। सात साल पहले उनकी शादी हुई थी। उनका बेटा हर्षित मां के साथ रह कर हल्द्वानी में पब्लिक स्कूल में एलकेजी में पढ़ता है। लॉकडाउन के चलते इस समय मां और बेटे गांव आए हैं। शंकर अपने मिलनसार व्यवहार को लेकर ग्रामीणों के चहेते थे। वे जनवरी में ही छुट्टियों पर घर आए थे। एक महीने की छुट्टी पूरी करने के बाद वे फरवरी में वापस यूनिट लौट गए थे।

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