3 मई को आना था घर, लेकिन उसके पहले ही देश पर कुर्बान हो गए मेजर अनुज सूद

मेजर अनुज सूद (Major Anuj Sood) हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ (Handwara Encounter) में शहीद हो गए। वे हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले थे।

Major Anuj Sood

हंदवाड़ा एनकाउंटर में हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले मेजर अनुज सूद शहीद हो गए।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ (Handwara Encounter) में कर्नल, मेजर और 3 जवान शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले मेजर अनुज सूद (Major Anuj Sood) शहीद हो गए। मेजर अनुज सूद ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स के अधिकारी थे। वे 21 राष्‍ट्रीय रायफल्‍स में तैनात थे।

स्कूल के दिनों से ही होनहार थे मेजर अनुज: पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा के छात्र रहे अनुज सूद पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज रहे। पीपीएस में हर क्लास में मेजर अनुज सूद ने खुद को अव्वल साबित किया। होनहार छात्र रहे अनुज सूद का चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में हो गया था, लेकिन उन्होंने आईआईटी की जगह एनडीए (NDA) को चुना। एनडीए में मेजर सूद (Major Anuj Sood) ने उम्दा प्रदर्शन किया। वे अपने अनुशासन और इंटेलिजेंस के चलते 6 बार अव्वल रहे।

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रहा है भारतीय सेना से पुराना नाता: सेना के इस जांबाज अधिकारी का नाता भारतीय सेना (Indian Army) से पुराना रहा है। पिता सीके सूद सेना में ब्रिगेडियर रहे हैं। मेजर अनुज (Major Anuj Sood) के पिता ब्रिगेडियर सीके सूद अमरावती एन्क्लेव में रहते हैं। उनकी माता सुमन यमुनानगर के एक सरकारी स्कूल में बतौर प्रिसिपल कार्यरत हैं। सूद परिवार लगभग 8 महीने पहले पंचकूला स्थित अमरावती एन्क्लेव में रहने आया था। घर अभी निर्माणाधीन है। 3 मई को ही मेजर सूद को घर लौटना था।

छोटी बहन सेना में हैं कैप्‍टन: मेजर अनुज सूद (Major Anuj Sood) की शादी 2 साल पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा की रहने वाली आकृति से हुई थी। मेजर सूद की पत्नी पुणे में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। मेजर अनुज सूद की एक बड़ी बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं, वहीं छोटी बहन सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं।

3 मई को घर आना था: एक फौजी किस मिट्टी का बना होता है, ये मेजर सूद (Major Anuj Sood) के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद को देखकर पता चलता है। एक चैनल से बातचीत में उन्‍होंने कहा, “उसे 22 मार्च को आना था मगर लॉकडाउन की वजह से छुट्टी कैंसिल हो गई। 3 मई को उसकी फ्रेश लीव लगी थी, उसे घर आना था। घर आएगा…” इसके बाद ब्रिगेडियर सूद चुप हो जाते हैं। फिर थोड़ा संभलते हुए कहते हैं, ”…आएगा घर।”

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