बालाकोट एयर स्ट्राइक का हीरो हो गया देश पर कुर्बान, 6 महीने बाद होनेवाली थी शादी

शहीद अमित अण्थवाल (Martyr Amit Anthwal) को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। सेना के वाहन से शहीद अमित अण्थवाल का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया।

Martyr Amit Anthwal

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के शहीद जवान अमित की शादी छह माह बाद अक्तूबर में होनी तय हुई थी, लेकिन उससे पहले ही उसने भारत मां की सेवा में अपनी जान न्योछावर कर दी। शहीद अमित अण्थवाल (Martyr Amit Anthwal) को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। सेना के वाहन से शहीद अमित अण्थवाल का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया।

Martyr Amit Anthwal
शहीद अमित अण्थवाल

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई: लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। जैसे ही पार्थिव शरीर घर पहुंचा पूरा कोला गांव भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। सबसे पहले पिता नागेंद्र प्रसाद, मां भगवती देवी और बहनों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। बाद में पार्थिव शरीर को पैतृक घाट ज्वाल्पा देवी ले जाया गया। जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद (Martyr Amit Anthwal) को अंतिम विदाई दी गई।

बेटे के सिर पर सजने वाला था सेहरा: जवान बेटे की शहादत पर पिता के चेहरे पर गर्व दिख रहा था, पर आंखें नम थीं। जिस बेटे के सिर पर सेहरा सजने का सपना देख रहे थे, वो उन्हें अचानक छोड़कर चला गया, इससे बड़ा दुख एक पिता के लिए और क्या हो सकता है। माता-पिता बिलख रहे थे। बहनों के आंसू भी थम नहीं रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर गर्व दिख रहा था।

‘शौर्य दिवस’: CRPF के जवानों की एक ऐसी शौर्य गाथा जो तारीख बन गई

बालाकोट एयर स्ट्राइक का हिस्सा थे अमित: शहीद अमित अण्थवाल (Martyr Amit Anthwal) के अदम्य साहस के चर्चे हर गांववाले की जुबान पर थे। अमित अण्थवाल 26 फरवरी, 2019 को हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक का हिस्सा रहे थे। पीएम मोदी ने भी उनके साहस को सराहा था और पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी प्रदान की थी।

अक्टूबर में होनेवाली थी शादी: शहीद जवान अमित अण्थवाल (Martyr Amit Anthwal) पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक के कोला गांव के रहने वाले थे। वे दो बहनों के इकलौता भाई थे। शहीद की जुलाई, 2019 में सगाई हुई थी। अक्टूबर, 2020 में शादी तय हुई थी। लेकिन इससे पहले ही देवभूमि के लाल ने देश के नाम अपनी जान न्योछावर कर दी। शहीद की मंगेतर के पिता और भाई भी श्रद्धांजलि देने के लिए कोला गांव पहुंचे थे।

70 सालों से विश्व शांति के लिए तैनात हैं इंडियन आर्मी के जवान, जानिए किन विपरित परिस्थितियों में निभाते हैं फर्ज?

वह रियल लाइफ हीरो का कर रही थी इंतजार: मां और पिता अपने बेटे की शादी की तैयारियों में जुटे थे। लॉकडाउन का वक्त चल रहा है, तो प्लानिंग थी कि लॉकडाउन पीरियड के बाद जरा बाजार जाएंगे। होने वाली बहू के लिए कुछ जेवर देखेंगे, तो बेटे के लिए कपड़े खरीदेंगे। उस शहीद की दो बहनें भी अपने भाई की शादी के लिए बड़े सपने संजो रही थीं। आखिर घर में इकलौती भाभी आने वाली थी, तो तैयारियां तो बनती ही हैं। उधर, इंतजार कर रही थी वह लड़की जो इस साल अपने रियल लाइफ हीरो के साथ शादी के बंधन में बंधने वाली थी। पर किसे पता था कि सबके सपने एक झटके में चूर-चूर हो जाएंगे।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें