आतंकवाद पर अमेरिकी कांग्रेस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार‚ पाकिस्तान‚ लश्कर–ए–तैयबा और जैश–ए–मोहम्मद जैसे भारत को निशाना बनाने वाले पांच आतंकवादी समूहों (Terror Groups) समेत ‘विदेशी आतंकवादी समूहों’ के कम से कम 12 समूहों के लिए पनाहगाह है।
जम्मू कश्मीर: सेना ने LoC पर बड़े घुसपैठ को किया नाकाम, लश्कर का 1 आतंकी ढेर और एक गिरफ्तार, बाकी 4 सरहद पार फरार
स्वतंत्र ‘कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस’ (CRS) ने रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान की पहचान कई हथियारबंद और राज्येतर आतंकवादी समूहों (Terror Groups) के पनाहगाह के तौर पर की है‚ जहां से वे अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करते हैं। इनमें से कुछ आतंकी समूह 1980 के दशक से अस्तित्व में हैं।
पिछले हफ्ते क्वाड़ शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर अमेरिकी कांग्रेस की द्विदलीय रिसर्च टीम द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे इन समूहों को मोटे तौर पर पांच केटेगरी में बांटा जा सकता है। इनमें वैश्विक स्तर के आतंकी समूह‚ अफगान केंद्रित‚ भारत और कश्मीर केंद्रित‚ घरेलू मामलों तक सीमित रहने वाले समूह और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) आतंकी समूह हैं।
लश्कर–ए–तैयबा का गठन 1980 के दशक में पाकिस्तान में हुआ था और 2001 में इसे विदेश आतंकी समूह के रूप में पेश किया गया था। सीआरएस के अनुसार, लश्कर–ए–तैयबा को भारत के मुंबई में 2008 के भीषण आतंकवादी हमले के साथ कई अन्य हाई–प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक‚ जैश–ए–मोहम्मद का गठन 2000 में कश्मीरी आतंकवादी नेता मसूद अजहर ने किया था और 2001 में इसे भी इसे विदेशी आतंकी समूह के तौर पर पहचाना गया। लश्कर के साथ जैश भी 2001 में भारतीय संसद पर हमले समेत कई अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार है।
वहीं हरकत–उल जिहाद इस्लामी की स्थापना 1980 में अफगानिस्तान में सोवियत सेना से लड़ने के लिए हुई थी और 2010 में इसे भी विदेशी आतंकी समूह के तौर पर पेश किया गया। 1989 के बाद हरकत–उल जिहाद इस्लामी ने अपनी गतिविधियों को भारत पर केंद्रित कर लिया‚ साथ ही वह अफगान तालिबान के लिए भी अपने लड़ाके भेजता था।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हरकत–उल जिहाद इस्लामी अज्ञात ताकत के साथ आज अफगानिस्तान‚ पाकिस्तान‚ बांग्लादेश और भारत में गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और कश्मीर का पाकिस्तान में विलय चाहता है।
आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का गठन 1989 में हुआ था‚ जो कथित तौर पर पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी की आतंकी ब्रांच है और 2017 में इसे विदेशी आतंकी समूह की लिस्ट में शामिल कर लिया गया। यह जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल सबसे बड़ा और पुराना आतंकवादी समूह है।
सीआरएस के मुताबिक पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने वाले अन्य आतंकी समूहों में अलकायदा भी शामिल है‚ जो सिर्फ पूर्व संघीय प्रशासित कबायली इलाकों‚ कराची और अफगानिस्तान से अपने अभियान को संचालित करता है। 2011 तक अयमन अल जवाहिरी ने इसका नेतृत्व किया और देश के भीतर इसके कई अन्य आतंकी समूहों के साथ कथित तौर पर सहयोगात्मक संबंध हैं।
सीआरएस के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग की आतंकवाद पर रिपोर्ट ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2019′ के अनुसार‚ पाकिस्तान कुछ निश्चित इलाके को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूहों (Terror Groups) के लिए पनाहगाह बना हुआ है और उसने अफगानिस्तान के साथ साथ भारत को निशाना बनाने वाले समूहों को अपनी धरती के इस्तेमाल की इजाजत दी है।
अमेरिकी विभाग ने यह भी बताया कि आतंकवाद की फंडिंग को रोकने और जम्मू कश्मीर में 2019 के आतंकवादी हमले से पहले भारत केंद्रित कुछ आतंकवादी समूहों (Terror Groups) पर ‘लगाम’ लगाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने दिखावे के लिए मामूली कदम उठाए थे।
गौरतलब है कि इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के भीतर सक्रिय अन्य आतंकवादी समूहों (Terror Groups) में अलकायदा इन द इंडिया सबकॉन्टिनेंट, इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस‚ अफगान तालिबान‚ हक्कानी नेटवर्क‚ तहरीक–ए–तालिबान पाकिस्तान‚ बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी‚ जुंदाल्ला उर्फ जैश अल–अदल‚ सिपाह–ए–साहबा पाकिस्तान और लश्कर–ए–झांगवी शामिल हैं।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App