Terrorism

दोनों आतंकियों (Terrorists) की पहचान स्थानीय आतंकी एजाज हाफिज और शाहिद अयूब के तौर पर की गयी है। ये अल बद्र से जुड़े थे और उनके पास से दो रायफल बरामद हुई हैं।

मुठभेड़ में मारे गये इन आतंकियों (Terrorists) की पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार-गजवतुल-हिंद के सफत मुजफ्फर सोफी उर्फ मुआविया और लश्कर-ए-तैयबा के उमर तेली उर्फ तल्हा के रूप में हुई है।

मारे गये आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है। हालांकि अभी भी 2-3 तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। तुर्कवांगम में सुरक्षाबलों का ये अभियान जारी है, जल्द ही बड़ी कामयाबी हाथ लग सकती है। 

मारे गये आतंकियों (Terrorists) की पहचान ईस अहमद भट पुत्र अब्दुल हमीद भट निवासी शाहबाद वीरी बिजबेहाड़ा और हिलाल अहमद राह उर्फ शब्बू पुत्र सफीर अहमद राह निवासी बिजबेहाड़ा के तौर पर हुई है।

सुरक्षाबलों ने सोमवार को इंफाल ईस्ट जिले के लाइरेनपेट इलाके से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे आतंकी को तेंगनुपाल जिले के रिंगपाम गांव से पकड़ा गया।

रैनावारी इलाके में एक नाके पर आतंकियों ने हथगोले से हमला किया, लेकिन यह हथगोला अपने निर्धारित लक्ष्य से चूक गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान मामूली रूप से जख्मी हो गए।

मुठभेड़ के दौरान फरार हुये दो आतंकियों (Terrorists) की तलाश के लिए पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। ये इलाका घनी आबादी और नेशनल हाइवे से सटा है,  इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है।  

दो दिन पहले श्रीनगर में हुये ग्रेनेड धमाके में कार्रवाई करते हुये सुरक्षाबलों ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनमें से पहले संदिग्ध की पहचान खानयार निवासी मोहम्मद बारिक के तौर पर हुई है।

लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि निर्दोष नागरिक की मौत पर उनके परिवारवालों के प्रति मेरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।

सन 1995 में ऑल कामतापुर स्टूडेंट यूनियन के कोच-राजबोंगसी समुदाय के सदस्यों ने भारत और नेपाल से कामतापुर को अलग कर उसे पृथक देश घोषित करने की मांग की थी तभी केएलओ संगठन अस्तित्व में आया था। 

ये आतंकी (Terrorists) अब घुसपैठ के लिए सैन्य टुकड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कोड-वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनमें रोमियो, टैंगो, अल्फा और माइक जैसे शब्द शामिल हैं।

सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें बिछाई जाती हैं जो कभी-कभी बारिश से बह जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।

सुरक्षाबलों ने भी एक आतंकी को मार गिराया है। जिसकी पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आंतकी अब्दुल कयूम डार के तौर पर हुई है और वह पुलवामा के लारू काकापोरा का रहने वाला था।

अमेरिका में हुए 11 सितम्बर के हमलों के 20 साल बाद भी ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के ओसामा बिन लादेन का, एक शहीद के रूप में बचाव करना जारी रखते हैं।

आतंकवादी मैक्सन के खिलाफ बांग्लादेश में हत्या और चोरी समेत कुल 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि शायद वर्ष 2019 में यह आतंकवादी पश्चिम बंगाल की सीमा में घुसा था।

गिरफ्तार आतंकी लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के लिए काम करता था और सरहद पार बैठे आंतकी आकाओं के आदेश पर जिले में एक बार फिर स्थानीय आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का काम कर रहा था।

मारे गये आतंकी की पहचान शोपियां जिले के बोंगाम निवासी मलिक उर्फ मूसा के रूप में हुई। वह वर्ष 2020 से ही प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम कर रहा था।

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