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नक्सल प्रभावित इलाकों में अपने सूचना तंत्र को मजबूत करने और नक्सलियों की हर गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुलिस ने एक अभियान छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में चला रखा है।

छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा नक्सल ग्रस्त है। सबसे अधिक नक्सली वारदातें बस्तर में हो रही हैं। यही वजह है कि इस इलाके में पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों के बीच विश्वास कायम करने के लिए प्रयासरत हैं।

विशेष शाखा ने मामले को लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सभी जिलों के एसपी को अलर्ट कर दिया है। अभियान और गश्ती के दौरान जवानों को विशेष रूप से सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गई है।

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों ने एक बार फिर एक बड़े नक्सली हमले को नाकाम कर दिया। जिले के एर्राबोर इलाके में सुरक्षाबल के जवानों ने तीन आईईडी बम बरामद किए।

सीआरपीएफ ने कहा कि पत्थरबाजी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए श्रीनगर में तैनात लगभग 300 महिला सीआरपीएफ जवानों को यह गियर दिया जाएगा।

संगठन के लिए ज्यादा से ज्यादा आतंक मचाने वाले जेजेएमपी द्वारा अपनी सक्रियता बढ़ा दी गई है ताकि क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों से लेवी वसूली जा सके तथा इन पैसों से अन्य नक्सली संगठनों को भी जिंदा रखा जा सके।

झारखंड के रामगढ़ जिले में सड़क निर्माण कंपनी में कार्य कर रहे एक गार्ड को 17 जुलाई की देर रात नक्सलियों ने अपहरण कर लिया। 3 दिन बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने इसकी पुष्टी करते हुए बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर पुरनतरई गांव के पास मुख्य सड़क पर नक्सलियों ने आईईडी लगाया था। यह सड़क फरसपाल जाती है जो वर्तमान विधायक देवती कर्मा का गांव है।

जब हमला हुआ, तब सज्जाद मुफ्ती मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे। गोली लगने के बाद फारूक अहमद को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सरायकेला-खरसावां मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू हाट बाजार में 14 जून की शाम लगभग चार बजे नक्सलियों के दस्ते ने दो एएसआइ समेत पांच पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी।

गिरफ्तार किए गए नक्सली प्रतिबंधित संगठन जनमिलिशिया के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने नक्सलियों को गिरफ्तार करने के साथ ही गांव में बनाए गए नक्सली नेताओं के स्मारकों को भी ध्वस्त कर दिया।

श्रावणी मेला शुरू होने से पहले ही बिहार और झारखंड पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया था। नक्सल प्रभावित जमुई जिले के बटिया और मुंगेर जिले के गंगटा जंगल के रास्ते काफी संख्या में बाहरी कांवड़ियों का सुल्तानगंज में आगमन होता है।

27 साल के हरप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने वैकल्पिक विषय़ के तौर पर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को चुना था। हालांकि इससे पहले हरप्रीत ने इंडियन ट्रेड सर्विस में ग्रुप ए की नौकरी के लिए भी क्वालीफाई किया था।

जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सरकार राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के मुख्यालय को दिल्ली से ऊधमपुर शिफ्ट करने की तैयारी में है।

पुलवामा हमले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के शहीद जवान पंकज त्रिपाठी के परिजनों को पट्टे पर एक एकड़ जमीन मिली थी। इस जमीन पर दबंगों ने कब्जा करने की कोशिश की है।

गोली लगने से तीन उग्रवादियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक अन्य उग्रवादी को भी गोली लगी है। जिसे दस्‍ते के सदस्‍य उठाकर अपने साथ घने जंगलों की ओर ले गए। बता दें कि पहली बार लोहरदगा में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटना में जेजेएमपी के नक्सली मारे गए हैं।

प्रशासन की सख्ती की वजह से नक्सलियों को लेवी लेने में बहुत कठिनाइयां हो रही हैं। पुलिस की देखरेख में कई कंस्ट्रक्शन कंपनियां भी नक्सल प्रभावित इलाकों में बेखौफ होकर विकास का कार्य कर रही हैं। लेवी ना मिलने से नक्सली संगठन जबरदस्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।

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