लेवी ना मिलने से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है नक्सली संगठन, पढ़िए बड़ा खुलासा

संगठन के लिए ज्यादा से ज्यादा आतंक मचाने वाले जेजेएमपी द्वारा अपनी सक्रियता बढ़ा दी गई है ताकि क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों से लेवी वसूली जा सके तथा इन पैसों से अन्य नक्सली संगठनों को भी जिंदा रखा जा सके।

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नक्सली लेवी वसूलने में पूरी तरह से नाकाम हैं और संगठन इन दिनों आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है

झारखंड में नक्सलियों पर सरकार की सख्ती रंग ला रही है। हालत यह हो गई है कि नक्सली लेवी वसूलने में पूरी तरह से नाकाम हैं और संगठन इन दिनों आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है। इस बात से बौखलाए नक्सली लगातार झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर, पलामू एवं कोल्हान प्रमंडल में दस्तक दे रहे हैं और दहशत मचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा के साथ-साथ बिहार से सटे झारखंड के कुछ इलाके जिनमें खासकर कोल्हान प्रमंडल एवं पलामू प्रमंडल शामिल हैं, यहां नक्सली गतिविधियों में पिछले कुछ दिनों में तेजी आई है।

– 4 जुलाई को गढ़वा के भंडरिया में बीड़ी पत्ता लेने आए दो ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया
– 8 जुलाई को पलामू के पाकी थाना क्षेत्र अंतर्गत पत्थर माइंस में रात में नक्सलियों ने लेवी लेने के लिए 14 राउंड फायरिंग की।
– 12 जुलाई को नक्सलियों द्वारा लातेहार के टोरी चंदवा इलाके में वाहनों को फूंक दिया गया और ताबड़तोड़ फायरिंग की गई।
– 18 जुलाई को लातेहार जिले के बरेसाढ़ में दो ट्रैक्टर, एक ट्रक और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया।
– 16 जुलाई को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के चतरा जिले में 2 नक्सली पकड़े गए।
– 18 जुलाई को 4 नक्सलियों को नक्सली वारदात से पहले गिरफ्तार कर लिया गया।

बता दें कि इन नक्सलियों द्वारा झारखंड में 2019 के जनवरी से लेकर जून तक 22 घटनाओं को अंजाम दिया गया है जिसमें 19 नक्सलियों को पुलिस द्वारा मार गिराया गया है तथा 148 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं नक्सली संगठनों के आकाओं से तंग आकर 11 नक्सली आत्मसमर्पण करते हुए मुख्य धारा में शामिल हुए।

झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों के अनुसार इन नक्सली संगठनों के लिए पहले की तुलना में लेवी वसूली करना टेढ़ी खीर बन गया है। जिसके कारण इन संगठनों में आर्थिक तंगी छा गई है। इस बात से इन संगठनों में बौखलाहट है। इधर संगठन के लिए ज्यादा से ज्यादा आतंक मचाने वाले जेजेएमपी द्वारा अपनी सक्रियता बढ़ा दी गई है ताकि क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों से लेवी वसूली जा सके तथा इन पैसों से अन्य नक्सली संगठनों को भी जिंदा रखा जा सके।

सूत्रों के अनुसार कई नक्सली संगठनों द्वारा जेजेएमपी को यह काम सौंपा गया है कि जहां-जहां विकास कार्य चल रहा है वहां-वहां दहशत फैलाकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जाए तथा इतना भय पैदा कर दिया जाए कि ठेकेदार स्वयं संगठन से संपर्क कर लेवी का पैसा देने पर मजबूर हो जाएं। लेकिन झारखंड पुलिस नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। अब देखना है कि इन बचे खुचे नक्सली संगठनों का खात्मा कब तक हो सकेगा।

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